दुमका:काठीकुंड से बाबु राम जी झारखण्ड मोबाइल वाणी के द्वारा बताते है कि झारखण्ड के जरूरतों की आश कब होगी पूर्ण,15 नवंबर 2002 को बिहार से झारखण्ड का उदय हुआ,यहाँ के युवाओ ने हजारो सपने देखे,उन्हें लगा की उनके योग्यता की पूछ होगी,रोजगारो की अवसरों की बौछार होगी लिकिन ये सपने धीरे-धीरे टूटते नजर आ रहे है,13 सालो में JPSC,शिक्षक की बहाली हुई,TET की अनिभव हो न सकी,सही मायने में झारखण्ड के दुःख दर्द को समझने वाला कोई नेता नही है,उन्हें तो अपना कुर्शी चाहिए,लेकिन इनका कहना है की जब तक इन्हें अपना योग्यता के आधार पर रोजगार नही मिलेगी तब तक ये अपना उम्मीद लगाये बैठे रहेंगे।