रांची:मनोज कुमार झारखण्ड मोबाइल वाणी के माध्यम से यह सन्देश दे रहे है कि भारत में लोकतंत्र व्यस्था कायम है और इसी व्यस्था के कारन सांसद और विधयक चुने जाते है परन्तु सर्वेक्षण में पाया गया है कि अधिकांश लोग जिनके पास कला धन है वे ही सांसद या विधायक बनते है बल स्थल और दबंग की छवि प्राप्त हो यहाँ पर यह भी अप्रत्यक्ष रूप से यह भी देखा गया है कि संसद और विधायक टिकट पाने के लिए पैसे से खरीदी जाती है। यह हमारे देश में किस तरह का लोकतंत्र है।देश में लगभग 1600 राजनितिक पार्टियां है ये सभी राजनितिक दलों का बैंक खातों का ऑडिट नहीं होता या राजनितिक दाल अपने आय का स्रोत नहीं बताते इस प्रकार हमारे देश में जन आधारित लोकतंत्र कहा जा सकता है। यह अब जरूरी हो गया है की चुनाव पद्धति में अब संशोधन हो।