हजारीबाग:निहाल कुमार झारखण्ड मोबाइल वाणी के लिए यह संदेश दे रहे है कि दहेज़ प्रथा एक कुप्रथा कैसे बनी दहेज़ देना माँ बाप की स्वाभाविक इच्छा होती है।अपनी बेटी को विदा करते समय सिख सुविधा का समान देना एक अच्छी परम्परा थी परन्तु धीरे धीरे लड़केवाले दहेज़ को अपना आधिकार मानने लगे वे लड़की के माँ बाप से जबर्ज़स्ती उपहार मांगने लगे। तब से यह एक कुप्रथा बन गयी।