झारखंड राज्य के राँची जिला के कांके प्रखंड से मनोज कुमार ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि सरकार द्वारा झारखण्ड वासियों की जमीन का दस्तावेज ऑनलाइन किया गया है। जिसकी जिम्मेदारी सरकार द्वारा रिजलानी कम्पनी को दी गई थी। लेकिन इस दस्तावेज में कई त्रुटियाँ अब सामने आने लगी है।सरकार द्वारा बिना जाँच किये डाटा एंट्री को ऑनलाइन कर दिया गया जिसका खामयाजा आम जनता को मिल रहा है। इसके लिए सरकार को कम्पनी वालों से यह सवाल करना चाहिए कि झारखण्ड के रैयतों का दस्तावेज कंप्यूटर में सही से लोड क्यों नहीं किया गया है और इसमें लापरवाही क्यों बरती गई है..? सरकार के इस नियम से खास कर रैयतों को कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। झारखण्ड के जितने भी रैयत हैं उनके खतियान है उसमें कुछ ना कुछ गलत एंट्री की गई है। यह केवल रिजलानी कम्पनी और सरकार की लापरवाही के कारण हुई है। अतः सरकार द्वारा रिजलानी कम्पनी को दोबारा से डाटा एन्ट्री करने का आदेश दिया जाना चाहिए और दोबारा से मिलान करना चाहिए की सभी दस्तावेजों की डाटा एंट्री सही से हुई हो। और पूरी तरह से जाँच करने के बाद ही इसे ऑनलाइन की अनुमति दिया जाना चाहिए।