झारखण्ड राज्य के गोड्डा जिले से अनुजा दुबे मोबाइल वाणी के माध्यम से बताती हैं कि इनके क्षेत्र में दो सरकारी स्कूल है जिसमे आठवीं,नौवीं एवं दशवीं कक्षा चलती है लेकिन इन स्कूलों में शिक्षकों की भारी कमी है और आठवीं,नौवीं एवं दशवीं कक्षा के बच्चों को एक ही शिक्षक पढ़ाते हैं। यही वजह है कि गांव के सरकारी स्कूलों में बच्चों को बेहतर शिक्षा नहीं दी जाती है। जिससे अभिभावक अपने बच्चों का नामांकन निजी स्कूल में करातें हैं। ताकि उनके बच्चों को बेहतर शिक्षा मिल सके। सरकार से यह कहना चाहती हैं कि सरकारी एवं निजी स्कूलों में जो भेदभाव की जा रही है, उसे दूर करने की जरुरत है।यदि सभी स्कूलों में बच्चों को एक समान शिक्षा दिया जाए, तो शिक्षा के स्तर में सुधार हो पाएगी। अतः सरकार द्वारा शिक्षा के क्षेत्र में हो रहे इस भेद भाव को ख़त्म करने के लिए कोई कठोर कदम उठाया जाए।