ज़िला गिरिडीह के जमुवा प्रखंड से शिव चरण कुमार वर्मा जी मोबाइल वाणी के माध्यम से बाल विवाह मुक्त झारखंड अभियान कार्यक्रम के संदर्भ में बताते हैं कि, पूर्व में यह कानून व्यवस्था बनाई गई है कि भारत एक पुरुष प्रधान देश है। यहाँ पुरुष जो भी कहते हैं या करते हैं उसे ही मान्य समझा जाता है, इसमें महिलाओं को कोई अधिकार नहीं होता है।यदि झारखंड सरकार एक ऐसी कानून बनती है जिसमे महिला पुरुष दोनों का अधिकार समान माना जाए तो भेद भाव की प्रथा को ख़त्म किया जा सकता है। साथ ही यदि सरकार दहेज़ प्रथा को रोकने के लिए भी एक ऐसी कानून बनाती है जिसके अंतर्गत कोई भी अभिभावक यदि दहेज़ लेते या देते हैं और यह साबित हो जाता है, तो उन्हें कार्य क्षेत्र से मुक्त कर दिया जाएगा, साथ ही सरकारी लाभों से भी वंचित कर दिया जाएगा।इससे लोगों में भय पैदा होगी और वे दहेज़ लेने से इंकार कर देंगे।क्योंकि हर बेटी के पिता दहेज़ देने के लिए अपना घर और ज़मीन दोनों बेच कर ही लड़के वालों की मांग को पूरा कर पाते हैं।