जिला बोकारो पेटरवार से सुषमा कुमारी मोबाइल वाणी के माध्यम से बताती हैं कि लोक गीत,दोहा गायन या किसी प्राकृतिक से जुड़ी गीत आज के युवाओं को नहीं भाता है। जिस कारण लोग पुरानी परम्पराओं को भूलते जा रहे हैं।जैसे-जैसे समय बदलता जा रहा है वैसे-वैसे लोगों में रहन-सहन,गीत-गायन,कवि-कविताएँ आदि चीजे भी बदलती जा रही है।अगर लोग चांहे तो पुरानी लोक गीत,दोहा गायन,शादी की पुरानी गीत या प्राकृतिक से जुड़ी गीतों को दुबारा ला सकते हैं।पर इस भाग-दौड़ भरी जिंदगी में लोग व्यस्त हो गए हैं।जिस कारण लोग पुराने गीतों एवं दोहा गायन पर विशेष ध्यान नहीं दे पाते हैं।कई क्षेत्रों में यह भी देखा जाता है कि आज के युवा-युवतियां पुराने परम्पराओं में रूचि नहीं रखते है।