झारखण्ड राज्य के हज़ारीबाग जिला के दाड़ी प्रखंड से मोहम्मद असरार अंसारी जी मोबाइल वाणी के माधयम से कहते है कि जिस उद्देश्य से राज्य में त्रिस्तरीय पंचायती राज व्यवस्था लागू की गई। और इसके पंचायत स्तरीय चुनाव किया गया है।वे कहते हैं कि जिस प्रकार राज्य में पंचायत चुनाव कराए गए ,ठीक उसी प्रकार से कानून भी लागु होना चाहिए, वरना बाकि प्रतिनिधियों का चुनाव करवाकर कोई फ़ायदा नहीं होगा। सरकार की नजर में मुखिया ही सब कुछ है,सरकार की यह निति सही नहीं है।त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव झारखंड राज्य में दूसरी बार हुई लेकिन अभी भी पंचायत प्रतिनिधियों में आपसी सामंजस्य का आभाव देखा जा रहा है और इस आपसी सामंजस्य के अभाव के कारण विकास पूरी तरह प्रभावित हो रही है। इसका मुख्य कारण यह है कि विकास के नाम पर जितने भी फण्ड आते है ,उसे सिर्फ पंचायत के मुखिया को ही दिया जाता है, बाकि जिला परिषद् सदस्यों ,पंचायत समिति के सदस्यों एवं वार्ड सदस्यों को विकास के लिए फण्ड नहीं दिया जाता है। जिसके कारण मुखियां लोग मनमर्जी करते है और अपने आगे किसी को भी आने नहीं देते है। सरकार के इस रवैये से जहाँ एक ओर विकास के गति प्रभावित हो रही है,वहीं दूसरी ओर लोग भी पचायतों में आने वाली योजनाओं से वंचित रह जा रहे हैं। आखिर निर्वाचित तो सभी है,फिर सरकार अलग-अलग निति क्यों बना रही है। इसलिए इनका अनुरोध है कि पंचायत के सभी प्रतिनिधियों को पूर्ण अधिकार दें,ताकि प्रतिनिधियों में सामंजस्य का अभाव ख़त्म हो सके और पंचायत का विकास हो सके।