जैसा की आप सभी जानते हैं, ग्रामीण क्षेत्र में लोगों के जीविकोपार्जन के लिए मनरेगा एक बेहद ही महत्वपूर्ण माध्यम है। इसी सिलसिले में बीते 9 जून को राजधानी रांची स्थित नामकुम में नरेगा वाच संस्था की ओर से आयोजित दो दिवसीय राज्य अधिवेशन का पहला दिन का कार्यक्रम संपन्न हुआ। इस अवसर पर विख्यात अर्थशास्त्री और मनरेगा कार्यकर्त्ता माननीय श्री ज्याँ द्रेज़ ने कहा कि नरेगा मात्र रोजगार सृजन का ही नहीं बल्कि सामाजिक, आर्थिक और राजनैतिक बदलाव का भी अवसर देता है। नरेगा के द्वारा महिलाओं को मौक़ा मिला है कि वे घर से बाहर आये और पंचायत में ही उन्हें काम मिले उन्होंने कहा कि झारखंड को नरेगा से बहुत फायदा मिला सकता है। साथी ही नरेगा वाच के संस्थापक रहे बलराम जी ने कहा कि सामाजिक अंकेक्षण में ग्राम सभा को एक सतत प्रकिया के तहत शामिल करना एवं जिला सुनवाई के बाद हर हाल में 15 दिन के बाद कारवाई होनी चाहिए। श्रोताओं पर क्या आपके क्षेत्र में सामाजिक अंकेक्षण में ग्राम सभा को एक सतत प्रकिया के तहत शामिल किया जाता है ?और साथ ही जिला सुनवाई के 15 दिन बाद किसी तरह की कोई कारवाई की जाती है ? श्रोताओं , आपके अनुसार मनरेगा में आपके क्षेत्र में महिलाओं की भागीदारी कितनी प्रतिशत होती है ? खास कर गर्भवती एवं उन महिलाओं की जिनकी छोटे बच्चे होते है ? और कार्यस्थल पर जो सुविधाएँ उन महिलाओं को मिलनी चाहिए क्या वह सारी सुविधाएँ मिल रही है ?