जिला हजारीबाग से रितेश राज मोबाईल वाणी के माध्यम से बताते हैं कि बाल विवाह जो हमारे गांव और समाज में हो रही है वो बहुत ही चिंता का विषय है। विवाह कोई गुड्ड़ा गुड़िया का खेल नहीं है। हरेक व्यक्ति को सोचना है कि लड़का का उम्र बाइस वर्ष और लड़की का उम्र अठारह वर्ष से कम नहीं होनी चाहिए। क्योंकि हरेक नारी का माँ बनना सौभाग्य होता है।कम उम्र में माँ बनना बच्चे और माँ दोनों को कई बिमारियों का सामना करना पड़ता है। कभी-कभी ऐसा भी होता है कि माँ या बच्चे को जान गवानी पड़ती है। हमलोगो को इन सारी बिमारियों से ग्रस्त बेटियों को जगाना है बेटियों का बाल विवाह होने से बचाना है। तभी हमारे गांव और शहर उन्नति की ओर विकास कर सकती है।