हजारीबाग जिले के विष्णुगढ़ प्रखंड से राधे-श्याम महतो जी झारखण्ड मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रहे है कि झारखण्ड सरकार ने पंचायतों का सुदृढ़ विकास के लिए पंचायत स्वंय सेवको की बहाली की है, लेकिन ये सिर्फ केवल कागजों एवं अख़बार तक ही सीमित है। पंचायत सेवको की बातें अधिकारी नहीं सुनते है, अधिकारी सिर्फ चुप्पी साधे रहती है।सरकार ने सिर्फ अपनी सुविधा के लिए पंचायत स्वंय सेवको का चयन किया है। इन्होने कुछ पंचायतो के स्वंय सेवकों से कार्य विषय के बारे जानकारी ली तो पता चला कि पंचायत सेवकों को अपने कार्य एवं जिम्मेवारी के बारे में पता नहीं है। पंचायत सेवको को अपने अधिकारों और ग्राम पंचायत के नियमों के बारे में जानकारी प्राप्त नहीं है। ऐसे में गाँवो का विकास कैसे संभव है? पंचायत स्वंय सेवक अपने विकास की चर्चाये कैसे कर सकते है? इसके लिए पंचायत स्वंय सेवकों को पंचायत मुख्यालय में बैंठना चाहिए अधिकारियों की कमी से सप्ताह में दो या तीन दिन पंचायत भवन में रहना चाहिए, साथ ही जन कल्याण योजनाओ के सेवाओं से वंचित व्यक्तियों को लाभ पहुंचाने का कार्य करना चाहिए। स्वंय सेवक, मुखिया, पंचायत सचिव एवं कर्मचारी को आपस में मिलकर कार्यो का निष्पादन करना चाहिए।