जिला धनबाद प्रखंड बाघमारा से गंगाधर महतो मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रहे है की दिनों दिन पानी की समस्या विकराल रूप ले रही है,यह बहुत बड़ी संकट है।जल संचय के कई पुराने परंपरागत तरीके है जैसे की तालाब,डोभा व कुँवा। लोग आज भी तालाब बनाने पर जोर देते है।साथ ही छोटे छोटे नदियों में ही जल संचय के लिए पानी को रोक कर डैम बनाये जाते है।ये सारी विधियां आज भी प्रचलित है।इतना ही नहीं पेड़ पौधे जो है वे जल संचय को बरक़रार रखते है।आये दिन पेड़ पौधे काटे जा रहे है अगर एक पेड़ काटा जाता है तो एक पेड़ अवश्य लगाना चाहिए। जितने पेड़ काटे जा रहे उतने पेड़ अवश्य लगाए जाए जल संचय के लिए।