जिला गिरिडीह प्रखंड जमुआ से दीपक कुमार पाठक मोबाइल वाणी के माध्यम से कहते है कि कहा जाता है की गुरुर ब्रह्मा गुरुर विष्णु गुरुर देवो महेश्वरः,गुरुः साक्षात्परब्रह्मा तस्मै श्री गुरुवे नमः लेकिन आज झारखण्ड में पारा शिक्षको के साथ अन्याय हो रहा है उन्हें बर्खास्त करने का फरमान जारी किया जा रहा है।16-17 वर्षो से पारा शिक्षको द्वारा शिक्षा की ज्योति जलाने की कोशिश में हैं। सोचने वाली बात यह कि आज वही पारा शिक्षक आंदोलन करने पर को मजबूर हैं। वे कहते हैं कि पूर्व में भी पारा शिक्षको के आंदोलन के सरकार ने पारा शिक्षको की मांग का समर्थन कर उनकी मांगो को पूर्ण करने की बात कही थी,लेकिन सरकार अपने वादे से मुकर गयी। गौरतलब है कि जब सरकारी अधिकारियों को अपना पैसा बढ़ाना रहता है,तो वे मनमाने ढंग से बढ़ा लेती है, जबकि वो पैसा भी आम जनता का ही रहता है।इसलिए पारा शिक्षको की हार यानि आम जनता की हार है। अख़बार एवम अन्य समाचार चैनल में पढ़ने और सुनने को मिलता है कि जब क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड के अध्यक्ष का चुनाव किया जाता है ,तो उसके लिए परीक्षा लिया जाता है और उसमे टॉपर 70 नम्बर लेकर आये । अतः वे कहते हैं कि अगर क्रिकेट बोर्ड चलाने के लिए परीक्षा की आवश्यकता होती है , तो इतने बड़े राज्य चलाने के लिए क्या किसी तरह की परीक्षा की आवश्यकता नहीं है ? यह सबके लिए एक विचारणीय प्रश्न है साथ ही इसके लिए आम जनता को जागना होगा। हर विभाग में भरस्टाचार भरा पड़ा है सरकार तानाशाह की तरह कार्य कर रही है।