धनबाद, बाघमारा से बीरबल महतो जी मोबाइल वाणी के माध्यम से कहते है कि धनबाद से 20 किमी की दुरी पर महुदा में 21 कोलयरी चलता था,जिसके कारण यहाँ 25-30 गाँव के लोगो को ठेकेदारी में काम मिला था और इससे सभी के परिवार आराम से जीवन-यापन कर रहे थे,परंतु कोलयरी को प्रबंधक ने किसी कारण वस अपनी मनमानी रवैये से बंद कर दिया जोकि अभी भी वहां बहुत सारे कोयले है, परंतु उनके मनमानी रवैये के कारण कोलयरी बंद हो जाने से वहां भुखमरी की समस्या पैदा हो गयी है,लगभग 25-30 गांव के लोग बेरोजगार हो गए है। यदि फिर से कम से काम ठेकेदारी के द्वारा भी खदान के कार्य चालु किया जाये तो बेरोजगारी दूर हो सकता है, लोग फिर से खुशहाल हो सकते है। गरीबी इतनी बढ़ गयी है,कोलयरी से जमीन भी बर्बाद हो गए जिसके कारण वहां किसी भी प्रकार का खेती नही हो पाती है क्योंकि जमीन पूरी खोखला हो चुकी है। अतः यहाँ के लोगो के बचाव का एकमात्र उपाय यह है कि फिर से खदान को चालू करना ताकि बेरोजगार को रोजगार मिल सके और बाल-बच्चे अच्छी तरह से पढ़ाई कर सके।