बिहार राज्य के नालंदा जिला के हिलसा प्रखंड के जूनियर पंचायत से मिना देवी मोबाइल वाणी के माध्यम से कहती है कि स्वच्छता अभियान के तहत गांव के सभी दीदी एवं जीविका के सभी सदस्य मिलकर रैली निकाले। इस रैली के माध्यम से सभी को जानकारी दिया गया,कि सभी अपने-अपने घर व घर के आस-पास साफ रखे और अपने गांव को स्वास्थ्य बनाये। और खुले में शौच न करे,इससे बीमारी फैलती है,साथ ही ज़्यादा पैसा भी खर्च होता है। इसलिए साफ-सफाई पर पूरा ध्यान रखे और बिमारियों से मुक्त रहे।
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बिहार के जिला नालंदा हिलसा प्रखंड जूनियार गावँ से मीणा देवी जी ने जीविका मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि जूनियार गावँ में शौचालय निर्माण के लिए रैली निकाली गई। रैली में प्रखंड के पदाधिकारी ,जीविका के सहयोगी ,गावँ के सीएम सहित महिलाओं ने जोर शोर से भाग लिया।रैली के माध्यम से लोगो को शौचालय बनवाने और इस्तेमाल करने के लिए प्रेरित किया गया।
बिहार राज्य के जिला नालंदा के हिलसा प्रखंड के जूनियार गांव से इंदिरा देवी मोबाइल वाणी के माध्यम से कहती है कि ये सी.एम के पद पर 13 समूह के साथ कार्य कर रही है। गर्भवती माता व धात्री माताओं के बारे में इनका कहना है कि सामान्य महिलाओं के मुकाबले गर्भवती व धात्री माताओं को अधिक खाना चाहिए। और वे अपने खान-पान में दाल,चावल,हरे पत्तेदार सब्ज़ियां, हरा व पीला रंग का फल,दूध,अंडे,मांस-मछली अवश्य लें। इससे आने वाले बच्चे की मानसिक स्थिति तेज़ होगी और वे स्वस्थ भी रहेंगे। जो महिलाएं अपने खान-पान पर ध्यान नहीं देती है,उनके परिवार वालों का फ़र्ज़ बनता है कि उनके खान-पान पर ध्यान दें। जिनका आर्थिक स्थिति कमज़ोर है,वे सरकारी अस्पताल में जाकर आयरन की गोली लाये और नियमित रूप सेवन करें और तरह-तरह के सब्ज़ी और खून के लिए गुड़ भी खाये।
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बिहार राज्य के जिला नालंदा के हिलसा प्रखंड के जूनियार गांव से इंदिरा देवी ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि वे अभी 13 समूहों में सी.एम के पद पर कार्यरत हैं और ये पोषाहार बनाने के लिए महिलाओं को प्रोत्साहित कर रही है, कि किस तरह से पूरक पोषाहार बनाना है,कितना बनाना है और कैसे बनाना है। सभी को इसकी पूरी जानकारी दे रही है।
नालंदा जिले के हिल्सा प्रखंड अंतर्गत जूनियर ग्राम से, इंद्रा देवी जी मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रही है कि ये समुह की सी.एम. दीदी है, और तैरह समूह पर कार्यरत है। आज वे नुनियाबिघा गांव में यमुना जीविका एवं राघनी जीविका स्वयं सहायता समुह की बैठक करवा रही है। इस बैठक में वे बच्चो के पूरक आहार के बारे में जानकारी दे रही है, साथ ही सात से चौबीस माह के बच्चों के लिए पूरक आहार बनाने की तैयारी में लगे हुए है। बच्चों को पूरक आहार कब और कैसे खिलाना चाहिए। ये सभी बातें बताते हुए खिचड़ी बनाने की तैयारी कर रही है। जिसमे दाल,चावल,हरे पत्तेदार सब्जी, आदि सामग्री डालकर खिचड़ी बना रही है।
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बिहार के हिलसा प्रखंड जूनियार गावँ से मीना देवी जी ने जीविका मोबाइल वाणी के माध्यम से जीविका समूह की बैठक में पूरक आहार देने की प्रक्रिया बारे में बताया कि बच्चों को छह महीने तक माँ का दूध देना ही चाहिए और महीने के बाद बच्चे को पूरक आहार देना चाहिए जिसमे मसूर दाल ,राजमा मूंगफली अरहर दाल ,मुंग ,सेम बादाम आदि की खिचड़ी बना कर देनी चाहिए ,दूध में रोटी गाला कर देना चाहिए जिससे बच्चे को खाने में आसानी हो।