बिहार के चंडी प्रखंड, ग्राम माधोपुर से उषा कुमारी जीविका मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि वे सीएम के पद पर काम करतीं हैं और ग्यारह समूह देखतीं है। समूह में उन्होंने बताया कि माधोपुर में महिलाएँ शौचालय का इस्तेमाल कर रहीं हैं,इसके साथ ही महिलाओं को पूरक आहार की जानकारी दी कि बच्चों को पूरक आहार के अंतर्गत कौन से खाद्य सामग्री देने चाहिए । बरसात के मौसम में महिलाओं को ओआरएस का पैकेट जरूर रखना चाहिए ,ताकि जब बच्चे को दस्त हो तो वे अपने बच्चों को ओआरएस का घोल बना कर थोड़े-थोड़े देर में देतीं रहें । महिलाओं को 24 घंटे के अंदर इस घोल का इस्तेमाल करना चाहिए और 24 घंटे के बाद इस घोल को फेक देना चाहिए।
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बिहार राज्य के नालंदा जिला के चंडी प्रखंड से मंजू देवी जीविका मोबाइल वाणी के माध्यम से कहती है कि आज समूह दीदियों को ओआरएस घोल के बारे में जानकारी दी कि दस्त होने पर ओआरएस का घोल ज़रूर पिए और पिलायें। इसे एक साफ बर्तन में हाथ धोकर एक लीटर पानी में घोल तैयार करें और समय-समय पर पिलाते रहे। 24 घंटे के बाद बचा हुआ घोल को बाहर फेंक दें।
पुष्प कुमारी ,जीविका मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि वे सीएम के पड़ पर काम कर रहीं हैं। सभी दीदियों को बैठक में की जन्म से छह माह तक बच्चे को केवल माँ का दूध ही पिलाना चाहिए।जब बच्चा सात महीने का हो जाए तो उसे हर रोज ऊपरी आहार अवश्य देना चाहिए।6-8 माह के बच्चे को एक पाव की कटोरी से आधी कटोरी दिन में दो बार खाना खिलाना चाहिए।9-11 माह के बच्चे को 1 पाव की कटोरी से दिन में तीन बार आधी कटोरी के माप से खाना देना चाहिए।12-24 माह के बच्चे को 1 पाव की कटोरी से दिन में 3 बार खाना खिलाना चाहिए।बच्चा अगर खाना ना खाये तो उसे प्यार से बार-बार खाने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए।माँ के दूध से सिर्फ 6 महीने तक ही बच्चों को पूरा पोषण मिल पाता है।उसके बाद माँ के दूध के साथ-साथ बच्चे के लिए पूरक आहार बेहद जरुरी होता है।बच्चों को सात समूह में से चार समूह का खाना हर रोज जरूर खिलाना चाहिए। चावल-दाल ,हरी पत्तेदार सब्जियाँ ,मौसमी फल ,दूध से बनी चीज़ ,माँस-मछली ,अंडा बच्चे के खाने में कम से कम चार प्रतिदिन खिलाना चाहिए।
बिहार राज्य के जिला नालंदा चंडी प्रखंड से ऋतू राज जीविका मोबाइल वाणी के माध्यम से समूह में उपस्थित महिलाओं के बीच परिवार नियोजन पर चर्चा कर रहे हैं। जहाँ स्मृति रानी परिवार नियोजन के बारे में बताया कि बड़ा परिवार दुःखी परिवार होता है और छोटा परिवार सुखी परिवार होता है। इसलिए लड़कियों को पहला बच्चा कम से कम 21 वर्ष के उम्र में करना चाहिए और इसके तीन साल के अंतराल में दूसरा बच्चा करना चाहिए। दो बच्चे ही रखने चाहिए,हम दो और हमारे दो। अगर स्त्री कमजोर है तो पति को नसबंदी कर लेना चाहिए और नहीं तो गर्भनिरोधक गोलियां,सुई आदि का इस्तेमाल भी कर सकती है। जीविका मोबाइल वाणी के माध्यम से पुरे समाज को इस तरह की जानकारी मिल रही है। बच्चों की अच्छी परवरिश के लिए,छोटा परिवार होना अति आवश्यक है।
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बिहार राज्य के नालंदा जिला के चंडी प्रखंड से विदिशा कुमारी जीविका मोबाइल वाणी के माध्यम से कहती है कि समूह की बैठक में इन्होने सभी दीदियों को जीविका मोबाइल वाणी के बारे में जानकारी दिया है। इसके माध्यम से सभी दीदी घर बैठे जानकारी ले सकती है। जैसे - महिलाओं के खान-पान सम्बन्धी जानकारी ,ओआरएस घोल तैयार करने की विधि आदि ।
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