गरीब नगर भोपाल से साहिना खान जी साथ में गीता जी मोबाइल वाणी के माध्यम से बायोटॉयलेट निर्माण की जानकारी दे रही है।जानकारी देते हुए बता रही है कि महिला हाऊसिंग ट्रस्ट से दीदी आयी थी उन्होंने ही बायोटॉयलेट का निर्माण मुफ्त में बनवाया।सरकार की तरफ से जो लोग आये थे वे पैसे मांग रहे थे ,दीदी को बताया की हमारे पास पैसे नहीं है तो वो बनवा दी। यहाँ पर गड्ढा भी नहीं बनाये जाते थे ,पानी की भी हमेशा दिक्कत रहती थी ,हर वर्ष परेशानी होती थी।खासकर लड़कियों को शौचालय जाने में काफी परेशानी होती थी।

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बसंती विश्वास जी मोबाईल वाणी के माध्यम से बता रहे है कि इनके यहाँ कचरा फेकने का साधन नहीं । इनके घर के सामने एक बड़ा सा नाला है यहाँ पर इन्होने लोगो का कचरा फेंकना बंद करवा दिया। और MHT के द्वारा इन्होने कचरा फेकने के लिए एक बॉक्स बनवाया है।

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झारखण्ड के कोकर चुना भट्ठा से कंचन उरांव ने मोबाईल वाणी के माध्यम से बताया कि इनके सी ए जी का नाम मीनाक्षी महिला मंडल है। पानी की गुणवत्ता क्यों जरुरी है?इस सवाल के जवाब में कंचन जी ने बताया कि गन्दा पानी पीने से परिवार बार-बार बीमार होता है ,इसलिए शुद्ध पानी पीना बहुत जरुरी है। झारखण्ड खनिज सम्पदा से युक्त भूमि है,इसलिए जो पानी हम जमीन के अंदर से निकालते हैं,उसमें रसायनिक पदार्थ मिश्रित होते हैं,जो बिमारिओं की वजह होती है। जाँच में पाया गया कि पानी में आयरन बहुत ज्यादा था और पानी भी पीला-पीला दिखता था।साथ ही कभी-कभी पानी उबाल कर पीते थे एवं फ़िल्टर खरीदने में भी सक्षम नहीं थे। एम् एच टी से फ़िल्टर मिलने के बाद अब उसका उपयोग कर साफ़ पानी पीते हैं। इनके बस्ती में एम् एच टी की दीदीयां आई थी और यहाँ के पानी का जाँच कर ,पानी की गुणवत्ता के विषय में बताया था।

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भोपाल से सपना बहन ने मोबाईल वाणी के माध्यम से "पानी की गुणवत्ता" विषय पर अपने विचार हमारे साथ बाँटा।जब इनसे सवाल पूछा गया कि पानी की गुणवत्ता क्यों जरुरी है और उसका आप के जीवन पर क्या असर होता है ?तो इस सवाल के जवाब में सपना बहन ने बताया कि पहले इनके यहाँ लाल पानी आता था और वही पानी फिटकिरी या छान कर पीना पड़ता था। ।दूषित पानी पीने से बहुत सारी बीमारियाँ होती थी, जैसे पीलिया एवं गंदे पानी से सम्बंधित बीमारियाँ अक्सर हुआ करती थी। इन बीमारियों से तंग आ कर सभी महिलाएं पार्षद के पास गए एवं उन्हें आवेदन दिया। पार्षद ने समस्याओं को सही पाया और वो खुद आये और पानी की जाँच की। जल्दी ही साफ़ पानी मिलने लगा। पहले इन्हे जानकारी नहीं थी कि दूषित पानी से सम्बंधित शिकायत कहाँ करनी चाहिए ,इस बारे में बिलकुल अनजान थीं। एम् एच टी की महिलाएं आई और जानकारी दिया कि पानी या अन्य समस्याओं के लिए बाट -कार्यालय में जा कर आवेदन देना चाहिए ,तो उस पर सुनवाई होती है। एम् एच टी के तरफ से कुआँ ,बोरवेल,टैंकर और नर्मदा लाईन का वाटर टेस्टिंग की गई। नर्मदा के अलावा बाकी हर जगह का पानी दूषित था,फिर इन्होने वाटर फ़िल्टर का उपयोग करना शुरू कर दिया।अब साफ़ पानी मिल रहा है।

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