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प्रीति बेन मोबाईल वाणी के माध्यम से बता रही है कि ये 40 साल से रमेशदत्त में रहती है।और ये MHT से जुड़ी हुई है।पहले इनके यहाँ पानी का कोई साधन नहीं था जिस कारण इन्हे पानी दूर-दूर से भर कर लाना पड़ता था। 2002 में इनके एरिया में MHT की बहने आयी। और बताया की सरकार की परिवर्तन योजना का लाभ लिया जा सकता है।लेकिन कोई भी इन MHT की बहनो पर विश्वास नहीं करता था।फिर जिस एरिया में MHT की बहनो ने काम किया था उस एरिया में जाकर इन्होने देखा तब इनलोगो को MHT की बहनो पर विश्वास हुआ।इनलोगो को लाईट की बहुत जरूरत थी फिर इन्होने लाईट के दस-बारह लोगो ने पैसा जमा किया और लोगो के घर में लाईट आई । और अब सब जगह लाईट भी आयी और इनके एरिया में परिवर्तन योजना भी आई। और तब से ये MHT से जुड़ी हुई है।फिर इन्होने MHT की बहनो को अपनी मांगो के बारे बताया।फिर MHT की बहनो ने सभी महिलाओं को मिलकर एक मंडल बनाया।इन्हे अपने घर में बहुत गर्मी लगती थी। फिर इन्हे MHT की बहनो ने थर्माकॉल के स्कीम के बारे बताया की इसको घर में लगाने से गर्मी काम लगेगी।फिर प्रीति बेन जिसके घर में थर्माकॉल लगाया हुआ था उसके घर गयी और उस घर उन्हें गर्मी कम लगी और फिर प्रीति बेन ने भी अपने घर में थर्माकॉल लगवाया। पहले इन्हे गर्मी से बहुत परेशानी होती थी और गर्मी से राहत पाने के लिए ये चद्द्र भीगा कर दरवाजा में टांग देते थे।या फर्श पर बोरी बिछाकर उसमे पानी डालते थे।लेकिन जब से इन्होने थर्मोकॉल लगाया है तब से इन्हे गर्मी से परेशानी नहीं होती है। अब इनके घर में लोग आकर बैठते है।और अब गर्मी से बचने के लिए दूसरे लोग भी अपने घरो में थर्मोकॉल लगवाया।

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