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बिहार छात्र राजद प्रदेश महासचिव ने नगर परिषद से डेंगू से बचाव हेतू फॉगिंग की मांग की

देश के सभी नागरिको को सही स्वास्थय मिले , इसे लेकर सरकार ने 2018 आयुष्मान भारत योजना की शुरुआत की। यह भारत सरकार की एक हेल्थ स्कीम है, जिसके तहत आर्थिक रूप से कमजोर नागरिको को देश के अस्पतालों में 5 लाख रु तक की मुफ्त में इलाज की सुविधा दी जाती है. इसके तहत पहली अगस्त 2023 तक 24.33 करोड़ कार्ड बनाए गए हैं। ज़ाहिर है , सरकार ने इस योजना प्रचार बहुत व्यापक तौर पर किया। नेताओ के साथ साथ सरकारी जनता ने भी देश के नागरिको को समझाने में कोई कसर नहीं छोड़ी कि सरकार गरीबो की मसीहा है। लेकिन आज 5 साल बाद अब इसी आयुष्मान भारत योजना की हकीकत अब लोगो के सामने आ रही है। ये हम नहीं कह रहे बल्कि देश के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) ने चौंकाने वाला खुलासा किया है. कैग ने इस योजना को लेकर जारी की अपनी अपनी ऑडिट रिपोर्ट में बताया है इस योजना के तहत ऐसे मरीज भी लाभ उठा रहे हैं, जिन्हें पहले मृत दिखाया गया था. यहीं नहीं इस योजना के तहत 9 लाख से ज्यादा लाभार्थी तो सिर्फ एक ही मोबाइल नंबर से जुड़े हुए पाए गए हैं. प्रधानमंत्री आयुष्मान योजना के सबसे ज्यादा आयुष्मान कार्ड धारक मध्य प्रदेश में ही हैं. यहीं पर सबसे ज्यादा लापरवाही देखी जा रही है. ---------------तब तक आप हमें बताइए दोस्तों कि आपके गांव या जिला के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर इलाज़ की स्थिति क्या है ? ---------------वहां पर आपको किस तरह की सुविधाएँ मिल रही है ? ---------------क्या आपके पास आयुष्मान भारत योजना का कार्ड है और क्या आप उसका लाभ उठा पा रहे है ? ----------------इस बढ़ती महँगाई के कारण स्वास्थ्य पर होने वाला खर्चा आपका कितना बढ़ा है ? दोस्तों इस मुद्दे पर अपनी बात को जरूर रिकॉर्ड करें अपने फ़ोन में नंबर 3 का बटन दबाकर या मोबाइल वाणी एप्प में ऐड का बटन दबाकर।

डेंगू से निपटने के लिए 15 बेड का बनाया गया विशेष वार्ड

खड़गपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में डेंगू से निपटने को लेकर बनाया 15 बेड का विशेष वार्ड, अस्पताल प्रशासन अलर्ट खड़गपुर में 40 डेंगू किट उपलब्ध

मुंगेर जिला के टेटिया बंपर प्रखंड में पशुपालकों के लिए इन दिनों लंपी बीमारी कहर बनकर टूट पड़ा है। यूं तो लंपी बीमारी प्रखंड क्षेत्र में दस्तक दे दिया था। जिससे महौता सहित आसपास के गांवों में आधे दर्जन से अधिक गाय की मौत हुई थी, लेकिन इन सबसे विभाग बेखबर रहने से लंपी ने रौद्र रूप धारण कर लगभग पूरे प्रखंड में अपना कहर बरपा रही है। जिसके कारण एक अनुमान के तहत लगभग 10 अधिक पशुओं की मौत अबतक हो चुकी है। और मौत का सिलसिला अभी तक जारी है। जिससे पशुपालकों के बीच हताशा का माहौल है। जबकि विभाग पशुओं का टीकाकरण के लिए समय-समय पर पशु पखबाडा का आयोजन करती हैं। लेकिन पशुपालकों का आरोप है कि टीकाकरण महज कागजों में ही सिमट कर रह जाती है। पशुओं में होने वाले लंपी बीमारी के लक्षण चिकित्सक डा प्रकाश कुमार की मानें तो लंपी वायरस पशुओं में पाया जाने वाला खतरनाक वायरस है। यह परजीवी कीट,मच्छर, मक्खी के काटने, दूषित जल, दूषित चारा से होता है। पशुओं के पुरे शरीर में गांठ बन जाती है। लंपी बीमारी से एक पशु से दूसरे पशुओं में तेजी से फैलता है।

लंपी पशुओं को होने वाली एक छुआछूत वाली बीमारी है। यह पाक्स वायरस से मवेशियों में फैलती है और यह बीमारी मच्छर और मक्खियों के जरिए एक से दूसरे पशुओं में फैलती है। इस बीमारी के लक्षणों में पशु के शरीर पर छोटी-छोटी गाठें बन जाती हैं, जो मवाद के साथ धीरे-धीरे पूरे शरीर पर फैलने लगती है। पिछले दिनों खड़कपुर अनुमंडल के टेटिया बंपर प्रखंड मुख्यालय के कई गांव जगतपुरा तिलकारी धोरी कई पशुओं में लंपी के लक्षण देखने को मिले। वहीं जगतपुर गांव में दर्जनों पशु संक्रमण है इस बीमारी की चपेट में आकर कई पशुओं की मौत भी हो गई। टेटिया बंपर के पशु चिकित्सक डॉ प्रकाश कुमार के अनुसार इस बीमारी के कारण पशु के शरीर पर जख्म नजर आने लगते हैं और पशु खाना कम कर देता है। उसकी रोग प्रतिरोधक क्षमता भी इसके प्रसार के साथ घटने लगती है। इसकी चपेट में आकर पशु की मौत भी हो सकती है पशु चिकित्सकों के अनुसार इस बीमारी की शुरुआत में पशु को दो से तीन दिन के लिए हल्का बुखार रहता है। उसके बाद पूरे शरीर में गाठें (2-3 सेमी) निकल आती हैं। ये गाठें गोल उभरी हुई होती हैं जो चमड़ी के साथ-साथ मसल्स की गहराई तक प्रवेश कर जाती हैं। मवेशी के मुंह, गले, श्वांस नली तक इस बीमारी का असर दिखता है। साथ ही लिंफ नोड में सूजन, पैरों में सूजन, दुग्ध उत्पादकता में कमी, गर्भपात, बांझपन और कभी-कभी जानवर की मौत भी हो जाती है। क्या है इस बीमारी का इलाज: पशु चिकित्सक के निर्देश अनुसार ही इलाज करना चाहिए। बीमार पशु को स्वस्थ पशु से अलग रखना चाहिए संक्रमण रोकने के लिए मवेशी को 5 से 7 दिन तक एंटी बायोटिक लगाना चाहिए बुखार होने पर मवेशी को पेरासिटामाल अनिवार्य रूप से खिलाएं मवेशी को मल्टीविटामिन खिलाना चाहिए। साथ ही डाक्टरी सलाह पर इनके घाव पर दवा लगाएं संक्रमित पशु को पर्याप्त मात्रा में तरल और हल्का खाना व हरा चारा देना चाहिए मौत होने पर संकमित मृत पशु को जैव सुरक्षा मानक के अनुसार डिस्पोज किया जाना चाहिए संक्रमित पशु को सामान्य पशुओं व इनके बछड़ों से अलग रखें

मच्छर के प्रकोप को देखते हुए नगर परिषद के विभिन्न मोहल्लों में किया गया फागिंग

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किसी से मिलने और हाथ मिलाने से नहीं फैलता है टीबी का संक्रमण - टीबी है एक संक्रामक रोग लेकिन मरीजों की कतई न करें उपेक्षा - संक्रमित होने की स्थिति में सही समय पर कराएं सही इलाज - सभी सरकारी अस्पतालों पर निःशुल्क उपलब्ध है टीबी जांच और समुचित इलाज की सुविधा