मुंगेर,17 अक्टूबर । प्रायः निजी जांच घर या अस्पतालों में डेंगू की जांच रैपिड डायग्नोस्टिक किट से होने के बाद एनएस वन पॉजिटिव परिणाम आने पर उसे डेंगू से पीड़ित मरीज घोषित कर दिया जाता है। वास्तव में ऐसा नहीं है। इस मामले में स्वास्थ्य विभाग का मानना है कि रैपिड डायग्नोस्टिक किट जांच से लक्षण वाले मरीज चिह्नित किये जा सकते हैं किन्तु यह जांच डेंगू रोग को संपुष्ट नहीं कर सकता है। विभाग के अनुसार इसकी सूचना अखबारों के माध्यम से छपने से अनावश्यक भय उत्पन्न हो रहा है। इसको देखते हुए विभाग ने डेंगू की जांच सबंधी आवश्यक दिशा- निर्देश जारी किए हैं । जिसके अनुसार सभी निजी अस्पताल व जांच घरों को डेंगू के मरीज़ चिह्नित होने पर सीएस को इसकी जानकारी देते हुए जांच में इस्तेमाल की गई किट से भी अवगत कराना है, ताकि डेंगू के मरीज़ पाए जाने पर इसको रोकने के लिए आवश्यक कदम उठाया जा सके।