डेंगू व चिकनगुनिया के प्रति लोगों को जागरूक करने को जिला भर में चल रहा अभियान - अभियान की सफलता के लिए सभी पीएचसी और सीएचसी के एमओआईसी को भेजे गए हैंडबिल /पम्पलेट मुंगेर, 7 जून। डेंगू एवं चिकनगुनिया बीमारी के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए जिला भर में जागरूकता अभियान चल रहा है। इस संबंध में सिविल सर्जन के निर्देशानुसार जिला के सभी सीएचसी और पीएचसी के मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी के साथ समन्वय स्थापित कर जागरूकता अभियान को सफल बनाने का प्रयास किया जा रहा है। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के द्वारा स्वास्थ्य कर्मियों को हैंड बिल/ पम्पलेट उपलब्ध करायी गयी ताकि लोगों को इसके लिए जागरूक किया जा सके। वेक्टर डिजीज कंट्रोल ऑफिसर संजय कुमार विश्वकर्मा ने बताया कि डेंगू और चिकनगुनिया मच्छर के काटने से होता है। वर्षा का मौसम शुरू होने के साथ ही डेंगू और चिकनगुनिया का संक्रमण काल भी शुरू हो जाता है। इसके लिए डेंगू एवं चिकनगुनिया बीमारी पर नियंत्रण के लिए गतिविधियों में और गतिशीलता लाने का कार्य किया जा है। इसके तहत लार्विसाइडल स्प्रे, रैपिड रिस्पांस टीम का गठन करने के साथ ही टेक्नीकल मालाइथिल का छिड़काव के साथ ही डेंगू केस की रिपोर्टिंग और जनजागरूकता अभियान चलाया जाता है। उन्होंने बताया कि डेंगू एवं चिकनगुनिया से बचाव को लिए राज्य सरकार द्वारा जारी किए गए हैंड बिल/पम्पलेट को जिला के सभी सीएचसी और पीएचसी के मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी को उपलब्ध करा दी गई है। ये पदाधिकारी अपने क्षेत्र में कार्यरत आशा कार्यकर्ता को ये हैंड बिल /पम्पलेट देंगे जो घर-घर जाकर लोगों को इस पम्पलेट के माध्यम से डेंगू और चिकनगुनिया बीमारी से बचने के लिए जागरूक करेंगी। उन्होने बताया कि जिला में कहीं भी यदि डेंगू एवं चिकनगुनिया का संक्रमित मरीज पाया जाता है तो उस व्यक्ति के घर से 500 मीटर की परिधि में टेक्नीकल मालाइथिल की फॉगिंग करायी जाती है। उन्होंने बताया कि डेंगू एवं चिकनगुनिया की बीमारी एडिस मच्छर के काटने से होती है। यह मच्छर दिन में काटता है एवं स्थिर साफ पानी में पनपता है। डेंगू और चिकनगुनिया के लक्षण : मुंगेर के वेक्टर डिजीज कंट्रोल ऑफिसर संजय कुमार विश्वकर्मा ने बताया कि लोगों में डेंगू और चिकनगुनिया के ये लक्षण हो सकते हैं - - तेज बुखार, बदन,सर एवं जोरों में दर्द तथा आंख के पीछे दर्द - त्वचा पर लाल धब्बे/चकते का निशान - नाक, मसूड़ों से उलटी के साथ रक्तस्राव होना सराव बचने के उपाय : - दिन में भी मच्छरदानी और मच्छर भगाने वाली क्रीम का करें इस्तेमाल । - अपने आसपास रखें साफ-सुथरा एवम जमा पानी में करें कीटनाशक दवाओं का छिड़काव । - गमला, फूलदानी का पानी हर दूसरे दिन बदलें, जमे हुए पानी पर मिट्टी का तेल डालें।