बरियारपुर में चलने वाले ज्यादातर ई रिक्शा का हैंडल नाबालिगों के हाथ में है।मसलन ज्यादातर ई-रिक्शा नाबालिक ही चला रहे हैं। नाबालिक चालक भीड़-भाड़ वाले इलाके में भी तेज रफ्तार से ई रिक्शा चलाते हैं। रफ्तार तेज होने से अक्सर दुर्घटनाएं हो जा रही है।बरियारपुर में लगभग 100 से अधिक ई रिक्शा संचालित हो रहे हैं। इन ई-रिक्शा के संचालन से जहां एक ओर आवागमन की सुविधा प्राप्त हुई है तो वहीं अनेक परेशानियां भी सामने आ रही हैं।प्रशासन की दखलअंदाजी नही होने से ई- रिक्शा चालक पूरी तरह से निरंकुश हो चुके हैं।जहां मर्जी होती है ई-रिक्शा लगाकर खड़े हो जाते हैंआलम यह है कि इनकी जहां मर्जी होती है ई-रिक्शा लगाकर खड़े हो जाते हैं। जिससे यातायात बाधित होता है और जाम की स्थिति बन जाती है। बरियारपुर रेलवे स्टेशन पर ट्रेन जैसे ही खड़ी होती है वैसे ही ई रिक्शा चालक पूरे रास्ते को घेर कर खड़े हो जाते हैं और ट्रेन में से उतर रहे सवारियों को अपने रिक्शा में बैठाने का प्रयास करने लगते हैं। नाबालिक बच्चे तेज स्पीड में वाहन चलाते हैं तो इससे उनकी खुद की जान के साथ-साथ सामने वालों की जान का खतरा रहता है। पुलिस कर्मियों के सामने नाबालिग ई-रिक्शा दौड़ा रहे हैं और जिम्मेदार मूकदर्शक बने देखते रहते हैं।