मैं प्रिंस कुमार न्यूज़ एक्सप्रेस रोहतास में आप सभी को स्वागत है अभी मैं रोहतास जिला चेनारी प्रखंड में पहुंचे हुए हैं यहां पर काफी समस्या से ग्रामीण जनता स्टूडेंट जूझ रहे हैं सिर्फ कर्मचारी का सिग्नेचर करने के लिए बिहार एसएससी फॉर्म अप्लाई हो रहा है जिसको लेकर काफी छात्रों का भीड़ लगा हुआ है ब्लॉक खुलने के बावजूद भी कर्मचारी अनुपस्थित हैं इसको लेकर काफी लोग दुखी हैं छात्रों भी दुखी हैं मैं आगरा करता हूं प्रखंड अधिकारियों से की अपना समय पर कार्यभार संभाले जिसको लेकर किसी प्रकार की कोई दिक्कत ना हो

इस खास दिन पर हम आपसे जानना चाहते हैं कि आपका विद्यार्थी जीवन कैसा रहा या फिर कैसा है? बतौर विद्यार्थी आप क्या क्या सीख रहे हैं और क्या क्या सीखना चाहते हैं? अपनी शिक्षा, अपनी चुनौतियों और अपने सपनों के बारे में यहां बात करें... फोन में नम्बर 3 दबाकर.

आज बुधवार को विभिन्न विद्यालयों में बाल दिवस का आयोजन किया गया। इस दौरान देश के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू के तस्वीर पर फूल पुष्प अर्पित कर उन्हें याद किया गया। बच्चों के बीच लोकप्रिय चाचा नेहरू की जीवनी पर प्रकाश डालते हुए का शिक्षकों ने कहा कि अखंड भारत उनके कृतियों को लेकर सदैव उन्हें याद करेगा।

बिहार से रीना कुमारी , मोबाइल वाणी के माध्यम से यह बताना चाहती है कि उनके स्कूल में शिक्षक आने वाले थे नहीं आये और पढ़ाई भी अच्छे से नहीं होता है।

सीताराम जी बताए हैं कि बिहार सरकार से निवेदन में करना चाह रहा हूं भेजा करो जो सरकार के जो स्कूलों में पढ़ाई चलती है सरकारी स्कूलों में अच्छे से पढ़ाई नहीं हो पाती है जिसको लेकर जो गरीब परिवार के बच्चे पढ़ने के लिए जाते हैं वहां पर अच्छे से पढ़ाई नहीं हो रही है जो सरकार के जो खाने के लिए देखा किया गया है भोजनालय का वहां पर बच्चों को अच्छे से भोजन भी नहीं दिया जा रहा है स्कूलों की एक मैटर है कि एक बार देने के बाद दोबारा उन लोगों को भोजन नहीं मिल पाता है सरकार ने जो भोजन भी देती है करने के लिए बच्चों के लिए उस कॉल देती है या अन्य जो भी ऐसा तो एक हफ्ता के लिए जो प्रतिदिन अनेक प्रकार की जॉब खोजने बनाई जाती है इस तरह के जो भोजन में कटौती दिया जा रहा है इमेज बिहार कि मामला है इस सरकार ईश्वर निगरानी करें और करवाई करें ताकि जो भी समस्या आ रही है इस समस्या का निदान करें और जो छात्रवृत्ति की मैटर है तो आती ही नहीं मिल रहा है इस तरह के कई स्कूलों में भ्रष्टाचार फैला हुआ है इस शिक्षा पर वित्त विभाग पर निगरानी करें सरकार और करवाई करें ताकि जो भी समस्या इस तरह के आ रही है इस पर करवाई और निगरानी कर इन लोगों को दंडित किया जाए मैं सीताराम जी को कोटि-कोटि धन्यवाद

दोस्तों, सरकारी स्कूलों की बदहाली किससे छुपी है? इसी कारण देश की पूरी शिक्षा व्यवस्था, प्राइमरी से लेकर उच्च शिक्षा तक, पूरी तरह से बाजारवाद में जकड़ गई है। उच्च व मध्यम वर्ग के बच्चे तो प्राइवेट स्कूलों में अपने भविष्य का निर्माण करते हैं। नेताओं और नौकरशाह की बात तो दूर अधिकांश विद्यालय में कार्यरत शिक्षक के बच्चे भी सुविधा संपन्न प्राइवेट स्कूलों में पढ़ाई करते हैं भला ऐसे में सरकारी विद्यालयों की दुर्दशा की चिंता किसे होगी? देश के छोटे से छोटे विकास खंड में सरकारी स्कूलों में करोड़ों खर्चे जाते हैं फिर भी उनका स्तर नहीं सुधरता। -------------तो दोस्तों, आप हमें बताइए कि आपके गांव या जिला के स्कूलों की स्थिति क्या है ? -------------वहां पर आपके बच्चों को या अन्य बच्चों को किस तरह की शिक्षा मिल रही है ? -------------और आपके गाँव के स्कूलों में स्कुल के भवन , बच्चों की पढ़ाई और शिक्षक और शिक्षिका की स्थिति क्या है ? दोस्तों इस मुद्दे पर अपनी बात को जरूर रिकॉर्ड करें अपने फ़ोन में नंबर 3 का बटन दबाकर या मोबाइल वाणी एप्प में ऐड का बटन दबाकर।

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दोस्तों, एक अनुमान के मुताबिक, हर वर्ष शिक्षा करीब 10 से 12 फीसदी की दर से महंगी होती जा रही है। हर शिक्षण संस्थान प्रत्येक वर्ष अपनी फीस बढ़ाते जा रहे हैं। घर के बाकी खर्चों पर महंगाई के बोझ के मुकाबले शिक्षा के क्षेत्र में महंगाई दोगुनी गति से बढ़ रही है। द प्रिंट की रिपोर्ट के अनुसार, भविष्य में शिक्षा और महंगी ही होगी। आज ग्रामीण क्षेत्रों में भी शिक्षा का महत्व काफी तेजी से बढ़ रहा है। सरकार का जोर विशेषकर लड़कियों को शिक्षित करने पर है। इससे प्राइमरी व माध्यमिक विद्यालयों तक तो किशोरियां पढ़ लेती हैं, लेकिन आर्थिक विपन्नता के कारण वह उच्च माध्यमिक व उच्च शिक्षा से वंचित हो जाती हैं। बाकि बेटी बचाओ , बेटी पढ़ाओ वाला नारा याद ही होगा। खैर, हमलोग नारो के देश में रहते है और नारा लगाते लगाते खुद कब एक नारा बन जायेंगे , पता नहीं। .. तब तक महँगाई के मज़े लीजिए बाकि तो चलिए रहा है ! ----------तो दोस्तों, आप हमें बताइए कि आपके गांव या जिला के शिक्षा की की स्थिति क्या है ? ----------वहां पर आपके बच्चों को या अन्य बच्चों को किस तरह की शिक्षा मिल रही है ? ----------इस बढ़ती महँगाई के कारण शिक्षा पर होने वाला आपका खर्चा कितना बढ़ा है ? दोस्तों इस मुद्दे पर अपनी बात को जरूर रिकॉर्ड करें अपने फ़ोन में नंबर 3 का बटन दबाकर या मोबाइल वाणी एप्प में ऐड का बटन दबाकर।

करनन्द कुमार ने कैमूर के विद्यालय में शिक्षक से बातचीत हुआ इसके साथ-साथ बच्चे ने अपना राय दिए कि आगे चलकर क्या बनना चाहते हैं तो बच्चे ने बहुत सुंदर जवाब दिया कि डॉक्टर बनेंगे।

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