जातिगत जनगणना बिहार के लिए अति आवश्यक था और यह पूरे भारत के लिए भी लाभदायक हो सकता है। विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।

भारत में पहली बार अग्रेजों की सरकार ने 1931 में में भी जातिगत जनगणना कराई थी और उसी के आधार पर आजतक जाती गत आरक्षण दिया जाता रहा है। आधुनिक आजाद भारत में समाजिक आर्थिक और जनसंख्या का पता लगाने के लिए अनेकों बार जनगणना तो होती रही है लेकिन जाति के आधार पर नागरिकों की गिनती आज तक नहीं हुई है।

रामपुर प्रखंड के प्रशिक्षकों द्वारा द्वितीय चरण के विद्यार्थियों के लिए जनगणना डाटा विराज ऐप पर किया जा रहा है धन्यवाद

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