सरकार द्वारा राज्य के बाहर से छात्रों और प्रवासी को लाने का कार्य युद्ध स्तर पर किया जा रहा है। वही राज्य के बाहर विभिन्न प्रांतों में पढ़ाई कर रहे स्कूली बच्चों को यहां लाने में सरकार और प्रशासन द्वारा कोई रूचि नहीं दिखाने का आरोप लगना शुरू हो गया है। राज्य के बहुत से छात्र गुजरात, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश आदि राज्य के विभिन्न नगरों में सैनिक और मिलिट्री स्कूल में पढ़ाई कर रहे हैं। वहां से स्कूल प्रबंधन ने बच्चों को घर वापस ले जाने के लिए अभिभावकों को सूचित कर दिया है। विभिन्न प्रांतों के विद्यालय प्रबंधन ने अभिभावकों को अपने प्रयास से बच्चों को वापस लाने के बारे में बताया है। इस संबंध में यहां आँनलाइन वाहन पास का आवेदन किया है. वाहन पास के लिए जिला प्रशासन से ऑनलाइन अनुमति के लिए आवेदन भी दाखिल कर दिया है। लेकिन अभी तक अभिभावकों को जिला प्रशासन से अनुमति मिलने का इंतजार है। इस संबंध में राजस्थान के अजमेर के राष्ट्रीय मिलिट्री स्कूल में अध्ययनरत छात्र के पिता शेखोपुरसराय प्रखंड के अंबारी गांव निवासी निरंजन कुमार ने बताया कि उन्होंने शनिवार को ही विद्यालय प्रबंधन से सूचना मिलने के बाद बच्चे को वापस घर लाने के लिए आवेदन किया था। अभी तक उस आवेदन पर कोई कार्यवाही करने की सूचना उन्हें नहीं मिली है.।इस बीच वहां से बच्चे टेलीफोन पर बिलख कर अपनी व्यथा अभिभावकों को सुना रहे हैं. उन्होंने बताया कि अजमेर के उस विद्यालय में बिहार के 50 छात्रों के साथ यहां के 10 छात्र घर आने के इंतजार बेसब्री से कर रहे हैं।
