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बिहार राज्य के समस्तीपुर जिला के ग्राम चंदौली प्रखंड पूसा से ज्योति कुमारी मोबाइल वाणी के माध्यम से यह बता रही हैं कि उन्हें अभी तक जॉब कार्ड से कोई भी रोजगार नहीं मिल पाया है। जिसके चलते वह काफी परेशान है

विद्यापतिनगर देश में बढ़ती बेरोजगारी एवं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के विचारों से प्रभावित होकर एक युवक ने आत्म निर्भर भारत की ओर कदम बढ़ाई है । अपनी बेरोजगारी दूर करने के लिए युवक ने रोजगार के नए अवसर तलाशें है, जो रोजाना के लिए भटक रहे दूसरे युवाओं के लिए प्रेरणास्रोत बन गया है । छपरा (सारण) निवासी मनोज कुमार ने बताया कि वे तकरीबन एक वर्ष से विद्यापति नगर में में रहकर इस रोजगार से जुड़े हैं । मनोज ने अपनी मोटरसाइकिल पर एक मशीन लगा रखी है, जिसके सहारे वह गांव,गली और कस्बों में घूम घूम कर चना का सत्तू बेचा करता है, गाड़ी पर ही मशीन होने के कारण वह लोगों को सामने में चना का सत्तू पीस कर देता है, जिससे शुद्धता के साथ साथ ग्राहकों को ताजा सत्तू भी मिलता है, चलता-फिरता दुकान होने की वजह से ग्राहकों को सस्ते दाम पर सामान मिल जाते हैं, इस कारण अच्छी आमदनी भी हो जाती है । मनोज ने बताया कि यूट्यूब के माध्यम से उसे इस तकनीक के बारे में जानकारी मिली थी, इस से प्रेरित होकर उसने गुजरात से मशीन खरीदी तथा नए रोजगार की शुरुआत की । उसने बताया कि इस रोजगार से प्रत्येक दिन औसतन एक हजार रुपए वह आसानी से कमा लेता है, उसकी कमाई देख अन्य युवा भी अब इस प्रकार के रोजगार की ओर उन्मुख हो रही है ।

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रेलवे कर्मचारियों ने राष्ट्रव्यापी भूख हड़ताल रखा, कहा- रेलवे को निजी हाथों में सौंप रही है केंद्र सरकार रेलवे के निजीकरण पर लगे रोक, पुरानी पेंशन नीति लागू हो। खाली पदों को प्रमोशन पर भरने समेत 16 सूत्री मांगों को लेकर ईस्ट सेंट्रल रेलवे कर्मचारी यूनियन के बैनर तले रेलवे कर्मियों ने बुधवार को देशव्यापी कार्यक्रम के तहत डीआरएम कार्यालय पर राष्ट्रव्यापी भूख हड़ताल रखा। कार्यक्रम का नेतृत्व ईस्ट सेंट्रल रेलवे कर्मचारी यूनियन के मंडल मंत्री केके मिश्रा कर रहे थे। इस मौके पर आयोजित सभा को संबोधित करते हुए केके मिश्रा ने कहा कि केंद्र सरकार एक के बाद एक रेल संगठनों को निजी हाथों में सौंप रही है। इसे किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। सरकार पुरानी पेंशन नीति को पुनः लागू करें। कर्मचारियों के आवासों की समस्या का त्वरित समाधान हो। रेलवे में खाली चल रहे पदों को पदोन्नति से भरा जाए। अनुकंपा के आधार पर एक सप्ताह के अंदर मृतक के परिजनों को नौकरी मिले। विस्तृत जानकारी के लिए ऑडियो पर क्लिक करें।

आज सबसे बड़ी समस्या गरीबी बन चुका है जिसका मुख्य कारण बेरोजगार है गरीबी होना भी एक अभिशाप बन चुका है सरकार खुद कोशिश कर ले लेकिन गरीबी दूर करने के लिए सरकार योजनाओं लाती रहती है जबकि यह योजना वहीं तक सीमित रह जाती है जहां तक सरकार की योजना पहुंचने चाहिए वहां पहुंच नहीं पाती है जिस कारण गरीबी की मार झेल रहे नौनिहाल बच्चे पैसे की दौड़ के होर में मजदूरी करने पर विवश हो जाते हैं जैसा कि सरकार का बाल अधिनियम के तहत 18 वर्ष से कम बच्चों को मजदूरी करने पर पूरी तरह से पाबंदी लगा चुकी है फिर भी बच्चों का कहना है कि परिवार के लिए दो वक्त की रोटी के लिए अपने भविष्य को कुर्बान कर चुका हूं, उन्होंने कहा बताया कि 6 क्लास पढ़ने के बाद हमने पढ़ाई छोड़ कर अपने परिवार के लिए मजदूरी करने पर विवश हो चुका अब मैं आइसक्रीम बेचकर प्रतिदिन ढाई सौ से ₹300 देहारी के रूप में कमा कर परिवार को चला पाते हैं यह बात सोचना भी लाजमी है कि दोष सरकार की है या समय की मार की ।

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बेरोजगारी भारत में चरम सीमा पर पहुंच चुका है। अगर इसी तरीके से बेरोजगारी बढ़ते रहा तो भारत की स्थिति दयनीय हो जाएगी। विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।