भगवान को प्रत्येक युग में विभिन्न रूपों में अवतार लेना पड़ता है उनके अवतार लेने का मुख्य उद्देश्य अपने भक्तों को रक्षा करना और दुष्ट आत्माओं का संघार करना होता है। फोटो 1 शिवाजीनगर कथावाचक आचार्य वेदानंद शास्त्री। समस्तीपुर मोबाइल वाणी शिवाजी नगर शिवाजीनगर उच्च विद्यालय पटेल नगर चितौड़ा बेला के प्रांगण मे श्रीमद भागवत सप्ताह के तृतीय दिवस के प्रवचन मे कथावाचक आचार्य श्री वेदानंद शास्त्री ने भगवन के अवतारो का वर्णन करते हुए कहा क़ि भगवान को प्रत्येक युग में विभिन्न रूपों में अवतार लेना पड़ता है। उनके अवतार लेने का मुख्य उद्देश्य अपने भक्तों की रक्षा करना एवं दुष्ट आत्माओं को मार कर उद्धार करते है। जब जब धरती पर अत्याचार बढ़ता है। तभी श्रीभगवान अवतार लेते हैं।हमारा जीवन सादगी एवं सद्भाव पूर्ण होना चाहिए । विभिन्न प्रकार के व्यसनों में अपने आपको कभी भी नहीं लगाना चाहिए । वही दुर्वासन हो जाता है। हमारी गतिविधियों ऊंचे आदर्शों पर होना चाहिए। मानव स्वयं ही अपने जीवन को जटिल बनाता है ,और  उसमे फँसकर अपने इस दुर्लभ तन को अति कष्टमय बना लेता है। सुबह ब्रम्हमुहूर्त में उठकर भगवान से प्राथना करना चाहिए कि प्रभु आज का जीवन उपहार किसी अशुभ कर्म में न लगे । अपने इन्द्रियो को अपने वस में रखकर सम्यक  आचरण और वाणी व्यबहार का पालन करना चाहिए । अगर आप धन से किसी की सेवा नहीं कर सकते । तो अपने तन से ही सर्वभूत की सेवा करना चाहिए। अगर बहुत ज्यादा दुःख आ जाये तो घबराये नहीं , और सुख में हंसना नहीं चाहिए । मौके पर आयोजक गंगा प्रसाद मंडल, विनय कुमार सिंह, संजीव कुमार सिंह, राजेश कुमार मंडल, कैलाश मंडल, शंकर कुमार, बिपिन बिहारी प्रसाद, रामाकांत मंडल, मुखिया गजेंद्र प्रसाद सिंह, रामकरण मंडल, राधेश्याम मंडल, हरेराम मंडल, गणेश भंडारी सहित अन्य ग्रामीणों का सहयोग सराहनीय है।