साइबर ठगी का हुए शिकार, एटीएम निकलने के दौरान १६ हजार रूपये की ठगी का शिकार हुए है , विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।

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सुनिए डॉक्टर स्नेहा माथुर की संघर्षमय लेकिन प्रेरक कहानी और जानिए कैसे उन्होंने भारतीय समाज और परिवारों में फैली बुराइयों के ख़िलाफ़ आवाज़ उठाई! सुनिए उनका संघर्ष और जीत, धारावाहिक 'मैं कुछ भी कर सकती हूं' में।

बिजली चोरी रोकने के लिए छापेमारी की गई। इस दौरान कई लोग को बिजली की चोरी करते हुए पकड़ा गया है। जिस पर बिजली विभाग ने वित्तीय दंड के साथ पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज किया है। विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।

होली के संबंध में शांति समिति की बैठक शुक्रवार को पुलिस थाने में आयोजित की गई । सी.ओ ने कहा कि होली आपसी भेदभाव को भूलकर एक - दूसरे को गले लगाने का त्योहार है । होली एक - दूसरे से प्यार करने और नफरत को भूलने का त्योहार है।विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।

शांति समिति की बैठक की हजारीबाग होली और लोकसभा चुनावों में कानून - व्यवस्था बनाए रखने के लिए मुस्तफीर पुलिस स्टेशन में शांति समिति की बैठक हुई । बैठक की अध्यक्षता थाना प्रभारी कुणाल किशोर ने की । उन्होंने कहा कि होली का त्योहार भाईचारे और प्रेम का प्रतीक है । उत्सव में हंगामा करने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी । विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।

सद्भाव और शांति के माहौल में होली मनाएँ एस . डी . पी . ओ . विष्णुगढ़ , आइए जानते हैं पूरी खबर , जहाँ बुधवार को सोटा विष्णुगढ़ पुलिस स्टेशन के परिसर में होली को लेकर शांति समिति की बैठक हुई थी , जिसके अध्यक्ष थे । सेता एस . डी . पी . ओ . बैजनाथ प्रसाद ने संचालन किया । संचालन गुरु प्रसाद साह ने किया । बैठक में पंचायत के सभी प्रमुखों , पंचायत समिति के सदस्यों ने बारी - बारी से अपनी बात रखी ।विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।

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भारत में शादी के मौकों पर लेन-देन यानी दहेज की प्रथा आदिकाल से चली आ रही है. पहले यह वधू पक्ष की सहमति से उपहार के तौर पर दिया जाता था। लेकिन हाल के वर्षों में यह एक सौदा और शादी की अनिवार्य शर्त बन गया है। विश्व बैंक की अर्थशास्त्री एस अनुकृति, निशीथ प्रकाश और सुंगोह क्वोन की टीम ने 1960 से लेकर 2008 के दौरान ग्रामीण इलाके में हुई 40 हजार शादियों के अध्ययन में पाया कि 95 फीसदी शादियों में दहेज दिया गया. बावजूद इसके कि वर्ष 1961 से ही भारत में दहेज को गैर-कानूनी घोषित किया जा चुका है. यह शोध भारत के 17 राज्यों पर आधारित है. इसमें ग्रामीण भारत पर ही ध्यान केंद्रित किया गया है जहां भारत की बहुसंख्यक आबादी रहती है.दोस्तों आप हमें बताइए कि *----- दहेज प्रथा को लेकर आप क्या सोचते है ? और इसकी मुख्य वजह क्या है ? *----- समाज में दहेज़ प्रथा रोकने को लेकर हमें किस तरह के प्रयास करने की ज़रूरत है ? *----- और क्यों आज भी हमारे समाज में दहेज़ जैसी कुप्रथा मौजूद है ?