झारखण्ड राज्य के हज़ारीबाग़ जिला के पदम् प्रखंड से राजकुमार मेहता ने के माध्यम से बताया कि राशन कार्ड से जो नाम जुड़ा है, वह किसी न किसी कारण से काट दिया जाता है, इसलिए यहां जो है, उससे लोगों को बहुत परेशानी का सामना करना पड़ता है। आप जो भी हों, आप किसी न किसी सरकारी योजना से जुड़े हो सकते हैं क्योंकि एक तरफ राज्य सरकारें और दूसरी तरफ केंद्र सरकार कई लाभकारी और कल्याणकारी योजनाएं चलाती है। बड़ी संख्या में लोग भी जुड़े हुए हैं, उदाहरण के लिए, राशन कार्ड लें, कई परिवार इसका लाभ उठा रहे हैं, जिसके तहत सस्ते और मुफ्त राशन का लाभ मिल रहा है, लेकिन कई बार परिवार के किसी सदस्य के नाम पर राशन कार्ड किसी न किसी वजह से होता है। जिसके कारण लोग परेशान होने लगते हैं क्योंकि वे नहीं जानते कि इस कट ऑफ नाम को फिर से राशन कार्ड में कैसे जोड़ा जाए, इसलिए यहां मैं बताना चाहता हूं कि राशन कार्ड ही सब कुछ है। इससे पहले राशन कार्ड की सूची समय-समय पर अपडेट की जाती है, ऐसी स्थिति में अगर आपका नाम कट जाता है, तो कई बार आपका राशन डीलर यह जानकारी देता है और फिर यह जांचने के लिए कि क्या आपको इसके बारे में पता नहीं है।

झारखण्ड राज्य के हज़ारीबाग़ जिला के पदम् प्रखंड से राजकुमार मेहता ने के माध्यम से इंदिरा गांधी राष्ट्रीय विकलांग पेंशन से संबंधित आवश्यक जानकारी साझा कर रहे है इंदिरा गांधी राष्ट्रीय विकलांग पेंशन योजना साझा कर रहा हूं। कुल बारह सौ रुपये जिनमें से नौ सौ रुपये राज्य सरकार द्वारा गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले अस्सी प्रतिशत विकलांग या एकाधिक विकलांग उम्मीदवारों को अठारह से पैंसठ वर्ष की आयु तक दिए जाएंगे।

मनरेगा में भ्रष्टाचार किसी से छुपा हुआ नहीं है, जिसका खामियाजा सबसे ज्यादा दलित आदिवासी समुदाय के सरपंचों और प्रधानों को उठाना पड़ता है, क्योंकि पहले तो उन्हें गांव के दबंगो और ऊंची जाती के लोगों से लड़ना पड़ता है, किसी तरह उनसे पार पा भी जाएं तो फिर उन्हें प्रशासनिक मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। इस मसले पर आप क्या सोचते हैं? क्या मनरेगा नागरिकों की इच्छाओं को पूरा करने में सक्षम हो पाएगी?

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भारत का आम समाज अक्सर सरकारी सेवाओं की शिकायत करता रहता है, सरकारी सेवाओं की इन आलोचनाओं के पक्ष में आम लोगों सहित तमाम बड़े बड़े अर्थशास्त्रियों तक का मानना है कि खुले बाजार से किसी भी क्षेत्र में काम कर रही कंपनियों में कंपटीशन बढ़ेगा जो आम लोगों को बेहतर सुविधाएं देगा। इस एक तर्क के सहारे सरकार ने सभी सेवाओं को बाजार के हवाले पर छोड़ दिया, इसमें जिन सेवाओं पर इसका सबसे ज्यादा असर हुआ वे शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार पर पड़ा है। इसका खामियाजा गरीब, मजदूर और आम लोगों को भुगतना पड़ता है।

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नमस्कार दोस्तों, मोबाइल वाणी पर आपका स्वागत है। तेज़ रफ्तार वक्त और इस मशीनी युग में जब हर वस्तु और सेवा ऑनलाइन जा रही हो उस समय हमारे समाज के पारंपरिक सदस्य जैसे पिछड़ और कई बार बिछड़ जाते हैं। ये सदस्य हैं हमारे बढ़ई, मिस्त्री, शिल्पकार और कारीगर। जिन्हें आजकल जीवन यापन करने में बहुत परेशानी हो रही है। ऐसे में भारत सरकार इन नागरिकों के लिए एक अहम योजना लेकर आई है ताकि ये अपने हुनर को और तराश सकें, अपने काम के लिए इस्तेमाल होने वाले ज़रूरी सामान और औजार ले सकें। आज हम आपको भारत सरकार की विश्वकर्मा योजना के बारे में बताने जा रहे हैं। तो हमें बताइए कि आपको कैसी लगी ये योजना और क्या आप इसका लाभ उठाना चाहते हैं। मोबाइल वाणी पर आकर कहिए अगर आप इस बारे में कोई और जानकारी भी चाहते हैं। हम आपका मार्गदर्शन जरूर करेंगे। ऐसी ही और जानकारियों के लिए सुनते रहिए मोबाइल वाणी,

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