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झारखण्ड राज्य के धनबाद जिले विष्णुगढ़ से राजेश्वर महतो मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रहे हैं, की वायु प्रदुषण पुरे विश्व की एक गंभीर समस्या बन गई है, वायु मानव की एक प्रकृति प्रकट एक निःशुल्क उपहार है। वायु प्रदुषण के कारण मानव का अस्तित्व खतरे में पड़ गया है। वायु प्रदुषण को रोकने के लिए बढ़ती जनसँख्या पर नियंत्रण करने की जरुरत है। दिल्ली ही नहीं देश के बड़े बड़े शहर भी इस जटिलसमस्या से जूझ रहे हैं। इसे नियंत्रण के लिए सड़क,नहर,रेलकी पटरी के बगल में बरगद,एलोवेरा,और पेड़ पौधे लगाने की आवश्यकता है। इससे वायु प्रदुषण नियंत्रण हो सकता है।क्योंकि इन पेड़ पौधे, वाहनों से निकलता कच्चा धुंवा,और भी जहरीली गैस को अवशोषित कर शुद्ध हवा ऑक्सीजन प्रदान करती है.तथा लोगों को प्रकृति पर ज्यादा छेड़ छड़ नहीं करनी चाहिए। इससे बहुत से खतरनाक बीमारियां जैसे स्वाइनफ्लू,कैंसर,टीवी,चर्मरोग हो सकती है। सोलह प्लेट वाला वाहन चलाने से दिल्ली में वायु प्रदुषण नियंत्रण को रखा जा सकता है,तथा दिवाली,छठ अन्य समारोह में पटाखों के स्टेंस्ल पर नियंत्रण होगा तभी वायु प्रदुषण से छुटकारा पाया जा सकता है। शहरों का विस्तार बढ़ते वाहनों तथा मनुष्य की विलासिता सम्बन्धी चीजों पर सोच समझ कर उपयोग करने पर रोक लगाने के लिए सभी देश वाशियो को विचार विमर्श करने की जरुरत है। वायु प्रदुषण पर निवारण नियंत्रण अधिनियम 1981 में पारित कर इसे सख्ती से पहल करने की जरुरत है।साथ ही केंद्रीय प्रदुषण नियंत्रण बोड सिर्फ कागजों में ही नहीं रहें बल्कि धरातल पर भी उतरें।और वायु प्रदुषण पर निवारण पर जागरूकता अभियान चलाएं।