झारखण्ड राज्य के हज़ारीबाग़ जिला से राज कुमार मेहता मोबाइल वाणी के माध्यम से यह बताना चाहते हैं कि दो हजार पाच के संशोधन के बाद बेटी भी बेटे की तरह जन्म से पैतृक संपत्ति में सह मालिक बन जाती है। विवाह होने पर या वैवाहिक स्थिति, अविवाहिक या तलाकशुदा विधवा से संपत्ति में अधिकार पर कोई असर नहीं पड़ता है। महिला जरूरत पड़ने पर जमीन में हक़ मांग सकती हैं और बेच सकती हैं।
