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मधुबनी में पांच सूत्री मांगों को लेकर आंगनबाड़ी सेविका सहायिका समाहरणालय परिसर एवं डीआरडीओ परिसर में किया प्रदर्शन

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आशा दीदी आती है मा बच्चे की देखभाल समझाती हैं कंगारू मातृ केअर भी सिखाती है

स्वास्थ्य विभाग की मासिक समीक्षात्मक बैठक में जिलाधिकारी में कई निर्देश दिए जिला पदाधिकारी का अध्यक्ष जिला स्वास्थ्य समिति मधुबनी अरविंद कुमार वर्मा की अध्यक्षता में समाहरणालय स्थित सभा कक्ष में स्वास्थ्य विभाग के मासिक समीक्षात्मक बैठक आयोजित हुई। विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।

मधुबनी के सदर अस्पताल में इलाजरत कैदी अस्पताल से भागा कैदी को भागता देख ड्यूटी पर तैनात गार्ड जोर-जोर से आवाज लगाने लगे आवाज सुनकर स्थानीय लोगों ने 11 नंबर रेलवे गुमती के पास कैदी को पकड़ा किया पुलिस के हवाले

दोस्तों किसी शायर ने क्या खूब कहा है? न रोने की वजह थी, न था हंसने का बहाना. खेल खेल में कितना कुछ सीखा, कितना प्यारा था वो बचपन का ज़माना. काश, लौट आए फिर से वो कल सुकून भरा बचपन मनाएं हर पल. सच में कितने मज़ेदार थे ना वह बचपन के दिन? चलिए एक बार फिर से उन्हीं दिनों को जीने की कोशिश करते हैं अपने बच्चों के संग उनके बचपन को एक त्यौहार की तरह मनाते हुए हंसते हुए, खेलते हुए, शोर मचाते बन जाते हैं उनके दोस्त और जानने की कोशिश करते हैं इस बड़ी सी दुनिया को उनकी नन्ही आंखों से और बचपन के उन प्यारे जनों को याद करने में आपका साथ देंगे बचपन बनाओ और मोबाइल वाणी की टीम .घर और परिवार ही बच्चों का पहला स्कूल है और माता पिता दादा दादी और अन्य सदस्य होते हैं उनके दोस्त और टीचर हो. साथ में ये भी कि बच्चों के दिमाग का पचासी प्रतिशत से अधिक विकास छह वर्ष की आयु तक हो जाता है. तो अगर ये कीमती साथ हमने गवा दिए. तो उनके भविष्य को उज्जवल बनाने का मौका हम खो देंगे. अब यह सब कैसे सही रखें? इसके लिए आपको सुनने होंगे हमारे आने वाले एपिसोड तब तक आप हमें बता सकते हैं कि किस तरह के देखभाल से बच्चों का मानसिक और शारीरिक विकास सही रह सकता है. इससे जुड़ा अगर आपका कोई सवाल है या कोई जानकारी देना चाहते हैं तो रिकॉर्ड करने के लिए फोन में अभी दबाएं नंबर 3 . सुनते रहिए कार्यक्रम बचपन मनाओ, बढ़ते जाओ.

रिपोर्ट:-एसके, मधवापुर। मधवापुर प्रखंड के सहरदइ टोल निवासी रिटायर प्रखंड कृषि पदाधिकारी कृष्ण कुमार झा का निधन कोलकता के एक अस्पताल में इलाज के दौरान हो गया। वे 85 साल के थे। उनके निधन से इलाके में शोक की लहर छा गयी। स्व. झा सेवानिवृत्त होने के बाद कृषि के क्षेत्र में सैकड़ों लोगों को रोजगार के अवसर दिये। क्षेत्रवासियों को खेती के नये नये आयामों से जोड़ कर उन्हें प्रोत्साहित किया। नर्सरी और बागवानी की ट्रेनिंग दे कर लोगों को रोजगारोन्मुख किया। उनके निधन को इलाके के लोगों ने क्षेत्र की बड़ी क्षति बतायी है। उनके पुत्र रिटायर पंचायती राज पदाधिकारी मनोज झा ने बताया कि उनका अंतिम संस्कार उनकी आखिरी इच्छा के मुताबिक सिमरिया गंगा तट पर किया गया। बबुएलाल झा, चन्द्र कुमार झा, परमानन्द झा, सुमन झा, मनोहर झा, नवोनाथ झा, सरोज झा पूर्व विधायक रामाशीष यादव, मुखिया आरती कुमारी देवी, मुखिया प्रतिनिधि रामप्रसाद साह सहित सैकड़ों लोगों ने शोक जताया है।