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सरकार हर बार लड़कियों को शिक्षा में प्रोत्साहित करने के लिए अलग-अलग योजनाएं लाती है, लेकिन सच्चाई यही है कि इन योजनाओं से बड़ी संख्या में लड़कियां दूर रह जाती हैं। कई बार लड़कियाँ इस प्रोत्साहन से स्कूल की दहलीज़ तक तो पहुंच जाती है लेकिन पढ़ाई पूरी कर पाना उनके लिए किसी जंग से कम नहीं होती क्योंकि लड़कियों को शिक्षा के क्षेत्र में आगे बढ़ने और पढ़ाई करने के लिए खुद अपनी ज़िम्मेदारी लेनी पड़ती है। लड़कियों के सपनों के बीच बहुत सारी मुश्किलें है जो सामाजिक- सांस्कृतिक ,आर्थिक एवं अन्य कारकों से बहुत गहरे से जुड़ा हुआ हैं . लेकिन जब हम गाँव की लड़कियों और साथ ही, जब जातिगत विश्लेषण करेंगें तो ग्रामीण क्षेत्रों की दलित-मज़दूर परिवारों से आने वाली लड़कियों की भागीदारी न के बराबर पाएंगे। तब तक आप हमें बताइए कि * -------आपके गाँव में या समाज में लड़कियों की शिक्षा की स्थिति क्या है ? * -------क्या सच में हमारे देश की लड़कियाँ पढ़ाई के मामले में आजाद है या अभी भी आजादी लेने की होड़ बाकी है ? * -------साथ ही लड़कियाँ को आगे पढ़ाने और उन्हें बढ़ाने को लेकर हमे किस तरह के प्रयास करने की ज़रूरत है ?

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मधुबनी के समाहरणालय सभागार में जिलाधिकारी अरविंद कुमार वर्मा की अध्यक्षता में बाल श्रम बाल संरक्षण बाल विवाह एवं बाल व्यापार से संबंधित जिला स्तरीय समितियां की संयुक्त बैठक की आयोजित की गई थी

बिहार राज्य के मधुअनी जिला के हरलाखी प्रखंड से रावी कुमारी मोबाइल वाणी के माधयम से यह बताना चाह रही है कि उनके ग्राम में 0 से 5 साल तक के बच्चो के लिये आधार कार बनाने की प्रक्रिया सुरु हो गई है। जो भी अपने बच्चो के लिए आधार कार्ड बनना चाह रहे है वो अपने नज़दीकी साइबर कैफ़े से बनवा सकते है।

पाँच आँगनबाड़ी केंद्र को चिन्हित कर एक साथ ही सलहा, मोहम्मदपुर, मनपौर, त्योंथ, परौल और नबकरही पर काम शुरू किया गया। विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।

बिहार राज्य, मधुबनी जिला से टी ें भ्रामाच्र मोबाइल वाणी के माध्यम से जानकारी देते हुए कह रहें हैं कि, जिला अधिकारी अरविन्द कुमार वर्मा के द्वारा, सदर अनुमंडल क्षेत्र में बाल श्रमिकों की विमुक्ति के लिए श्रम अधीक्षक राकेश रंजन के नेतृत्व में, आज विशेष धावा दल को समाहरणालय से रवाना किया गया। बाल मज़दूरों को मुक्त कराने के लिए मधुबनी सदर क्षेत्र के विभिन्न दुकानों एवं प्रतिष्ठानों में सघन जांच अभियान चलाया* गया। इसी क्रम में सिमना ऑटो सर्विसिंग सेंटर हॉस्पिटल रोड से एक बाल श्रमिक जबकि आम्रपाली होटल बड़ा बाजार से तीन बाल श्रमिक कुल चार बाल श्रमिकों को विमुक्त कराया गया। विमुक्त बाल श्रमिको को बाल कल्याण समिति, मधुबनी के समक्ष उपस्थापित कर निर्देशानुसार उन्हें बाल गृह में रखा गया है। बाल एवं किशोर श्रम ( प्रतिषेध एवं अधिनियम 1986 के तहत नियोजक के विरुद्ध संबंधित थाने में प्राथमिकी दर्ज करने की कार्रवाई की जा रही है। श्रम अधीक्षक ने बताया कि बाल श्रमिकों से किसी भी दुकान या प्रतिष्ठान में कार्य कराना बाल एवं किशोर श्रम अधिनियम 1986 के अंतर्गत गैरकानूनी है, तथा बाल श्रमिकों से कार्य कराने वाले व्यक्तियों को ₹20000 से ₹50000 तक का जुर्माना और 2 वर्षों तक के कारावास का प्रावधान है। इसके अतिरिक्त माननीय सर्वोच्च न्यायालय के द्वारा एम सी मेहता बनाम तमिलनाडु सरकार 1996 में दिए गए आदेश के आलोक में नियोजकों से ₹20000 प्रति बाल श्रमिक की दर से अलग से राशि की वसूली की जाएगी जो जिलाधिकारी के पदनाम से संधारित जिला बाल श्रमिक पुनर्वास सह कल्याण कोष में जमा किया जाएगा। इस राशि को जमा नहीं कराने वाले नियोजक के विरुद्ध एक सर्टिफिकेट केस या नीलाम पत्र अलग से दायर किया जाएगा। आज की इस धावा दल टीम के सदस्य के रूप में गोविंद कुमार श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी रहिका, संतोष कुमार पोद्दार श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी घोघरडीहा, चंदन कुमार गुप्ता श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी झंझारपुर, अमित कुमार श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी अंधराठाढ़ी, सिद्धार्थ कुमार श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी हरलाखी, हितेश कुमार भार्गव श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी खजौली, प्रेम कुमार साह श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी जयनगर, अनूप शंकर श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी राजनगर, जिला कॉर्डिनेटर आश्रय संस्था मधुबनी के समीर पॉल एवं निवेश कुमार, समग्र शिक्षण एवं विकास संस्थान मधुबनी के बरूण सोनू एवं प्रवीण आनंद, अभिनव कुमार, चाइल्डलाइन मधुबनी के हरी प्रसाद, सर्वों प्रयास संस्थान मधुबनी से निर्मला कुमारी, पूनम देवी, किरण कुमारी, रत्ना कुमारी, अनिल कुमार सिंह, विजय कुमार सिंह, पप्पू कुमार, मधुबनी एंटी ह्यूमन यूनिट एवं पुलिस टीम के सदस्य शामिल थे।

मधवापुर सहारघाट

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