यूनेस्को की 2021 की एक रिपोर्ट के अनुसार भारत में करीब 1.10 लाख ऐसे स्कूल हैं जो केवल एक ही शिक्षक के भरोसे चल रहे हैं। इसके अलावा देश भर में शिक्षकों के लगभग 11.16 लाख पद खाली हैं और उसमें से भी तक़रीबन 70 फीसदी पद गांव के इलाके के स्कूलों में हैं। है ना मज़ेदार बात। जो गाँव देश की आत्मा है , जिसके लिए सभी सरकारें खूब बड़ी बड़ी बातें बोलती रहती है। कभी किसान को अन्नदाता , भाग्य विधाता, तो कभी भगवान तक बना देती है। उसी किसान के बच्चों के पढ़ने के लिए वो स्कूलों में सही से शिक्षक नहीं दे पाती है। जिन स्कूलों में शिक्षक है वहाँ की शिक्षा की हालत काफी बदहाल है. माध्यमिक से ऊपर के ज्यादातर स्कूलों में संबंधित विषयों के शिक्षक नहीं हैं. नतीजतन भूगोल के शिक्षक को विज्ञान और विज्ञान के शिक्षक को गणित पढ़ाना पड़ता है. ऐसे में इन बच्चों के ज्ञान और भविष्य की कल्पना करना मुश्किल नहीं है. लोग अपनी नौकरी के लिए तो आवाज़ उठा रहे है। लेकिन आप कब अपने बच्चो की शिक्षा के लिए आवाज़ उठाएंगे और अपने जन प्रतिनिधियों से पूछेंगे कि कहाँ है हमारे बच्चो के शिक्षक? खैर, तब तक, आप हमें बताइए कि ------आपके गाँव या क्षेत्र में सरकारी स्कूलों में कितने शिक्षक और शिक्षिका पढ़ाने आते है ? ------ क्या आपने क्षेत्र या गाँव के स्कूल में हर विषय के शिक्षक पढ़ाने आते है ? अगर नहीं , तो आप अपने बच्चों की उस विषय की शिक्षा कैसे पूरी करवाते है ? ------साथ ही शिक्षा के मसले पर आपको किससे सवाल पूछने चाहिए ? और इसे कैसे बेहतर बनाया जा सकता है , ताकि हमारे देश का भविष्य आगे बढे।

जिला पदाधिकारी मधुबनी के निर्देश के आलोक में धावा दल के द्वारा विभिन्न दुकानों एवं प्रतिष्ठानों में ही चलाया जा रहा संघन जांच अभियान सदर अनुमंडल मधुबनी के क्षेत्र प्रखंडों में बाल श्रमिकों की भी विमुक्ति हेतु जिला पदाधिकारी मधुबनी के निर्देश के आलोक में धावा दल के द्वारा विभिन्न दुकानों एवं प्रतिष्ठानों में संघन जांच अभियान चलाया गया। विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।

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मधुबनी श्रम अधीक्षक के राकेश रंजन ने जानकारी दी है कि आज मधुबनी श्रम विभाग के द्वारा ढाबा दल गठन कर शहर के कई स्थानों में छापेमारी की जिसमें दो बाल श्रमिकों को बियुक्त कराया गया है और उन्हें बाल कल्याण समिति को सौंप दिया गया है

बिहार राज्य, मधुबनी जिला से टी ें भ्रामाच्र मोबाइल वाणी के माध्यम से जानकारी देते हुए कह रहें हैं कि, जिला अधिकारी अरविन्द कुमार वर्मा के द्वारा, सदर अनुमंडल क्षेत्र में बाल श्रमिकों की विमुक्ति के लिए श्रम अधीक्षक राकेश रंजन के नेतृत्व में, आज विशेष धावा दल को समाहरणालय से रवाना किया गया। बाल मज़दूरों को मुक्त कराने के लिए मधुबनी सदर क्षेत्र के विभिन्न दुकानों एवं प्रतिष्ठानों में सघन जांच अभियान चलाया* गया। इसी क्रम में सिमना ऑटो सर्विसिंग सेंटर हॉस्पिटल रोड से एक बाल श्रमिक जबकि आम्रपाली होटल बड़ा बाजार से तीन बाल श्रमिक कुल चार बाल श्रमिकों को विमुक्त कराया गया। विमुक्त बाल श्रमिको को बाल कल्याण समिति, मधुबनी के समक्ष उपस्थापित कर निर्देशानुसार उन्हें बाल गृह में रखा गया है। बाल एवं किशोर श्रम ( प्रतिषेध एवं अधिनियम 1986 के तहत नियोजक के विरुद्ध संबंधित थाने में प्राथमिकी दर्ज करने की कार्रवाई की जा रही है। श्रम अधीक्षक ने बताया कि बाल श्रमिकों से किसी भी दुकान या प्रतिष्ठान में कार्य कराना बाल एवं किशोर श्रम अधिनियम 1986 के अंतर्गत गैरकानूनी है, तथा बाल श्रमिकों से कार्य कराने वाले व्यक्तियों को ₹20000 से ₹50000 तक का जुर्माना और 2 वर्षों तक के कारावास का प्रावधान है। इसके अतिरिक्त माननीय सर्वोच्च न्यायालय के द्वारा एम सी मेहता बनाम तमिलनाडु सरकार 1996 में दिए गए आदेश के आलोक में नियोजकों से ₹20000 प्रति बाल श्रमिक की दर से अलग से राशि की वसूली की जाएगी जो जिलाधिकारी के पदनाम से संधारित जिला बाल श्रमिक पुनर्वास सह कल्याण कोष में जमा किया जाएगा। इस राशि को जमा नहीं कराने वाले नियोजक के विरुद्ध एक सर्टिफिकेट केस या नीलाम पत्र अलग से दायर किया जाएगा। आज की इस धावा दल टीम के सदस्य के रूप में गोविंद कुमार श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी रहिका, संतोष कुमार पोद्दार श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी घोघरडीहा, चंदन कुमार गुप्ता श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी झंझारपुर, अमित कुमार श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी अंधराठाढ़ी, सिद्धार्थ कुमार श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी हरलाखी, हितेश कुमार भार्गव श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी खजौली, प्रेम कुमार साह श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी जयनगर, अनूप शंकर श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी राजनगर, जिला कॉर्डिनेटर आश्रय संस्था मधुबनी के समीर पॉल एवं निवेश कुमार, समग्र शिक्षण एवं विकास संस्थान मधुबनी के बरूण सोनू एवं प्रवीण आनंद, अभिनव कुमार, चाइल्डलाइन मधुबनी के हरी प्रसाद, सर्वों प्रयास संस्थान मधुबनी से निर्मला कुमारी, पूनम देवी, किरण कुमारी, रत्ना कुमारी, अनिल कुमार सिंह, विजय कुमार सिंह, पप्पू कुमार, मधुबनी एंटी ह्यूमन यूनिट एवं पुलिस टीम के सदस्य शामिल थे।

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बाल श्रम उन्मूलन तथा किशोर श्रम निषेध एवं विनियमन हेतु जिला पदाधिकारी अरविन्द कुमार वर्मा की अध्यक्षता में जिला टास्क फोर्स की बैठक समाहरणालय स्थित कार्यालय कक्ष में आयोजित की गई। उक्त बैठक में पुलिस अधीक्षक, उप विकास आयुक्त,सभी अनुमंडल पदाधिकारी, जिला शिक्षा पदाधिकारी, जिला कल्याण पदाधिकारी, श्रम अधीक्षक सहित जिला स्तरीय विभिन्न विभागों के पदाधिकारी एवं गैर सरकारी संगठन उपस्थित थे। विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।