पूर्वी चम्पारण व सीतामढ़ी जिले को सड़क मार्ग से जोड़ने वाले लालबकेया नदी पर बन रहे पुल का निर्माण पिछले बारह वर्षों से चल रहा है। दोनों जिले के लाइफ लाइन कहे जानेवाले लालबकेया नदी के फुलवरिया घाट पर पुल निर्माण का कार्य अभी तक पूरा नहीं हो पाया है। इस नदी पर पुल का निर्माण करीब बारह साल से हो रहा है, लेकिन पुल का निर्माण कार्य अबतक पूरा नहीं हो पाया है। हालांकि कार्य निर्माणधीन है। वर्ष 2004 में आयी बाढ़ में उक्त घाट पर बना लोहे का पुल टूट गया था। तब से लोगों को करीब छह माह बरसात के दिनों में नदी पार करने में परेशानी झेलनी पड़ती है। क्योंकि बरसात के दिनों मे नदी का जलस्तर बढ़ने से अक्सर नदी में बना डायवर्सन क्षतिग्रस्त हो जाता है। करीब छह माह तक डायवर्सन के सहारे नदी को पार करना पड़ता है, या फिर नाव के सहारे। इस घाट पर वर्ष 2007 में नाव दुर्घटना भी ही चुकी है, जिसमें करीब एक दर्जन लोगों की जान जा चुकी है।वर्ष 2012 से पुल का निर्माण कार्य शुरू हुआ। लेकिन बीच बीच में आ रही अड़चनों के कारण निर्माण कार्य में विलंब होता चला गया। हालांकि अब पुल का निर्माण कार्य पूरा होने के कगार पर है।पुल के सम्पर्क पथ पर भी मिट्टी भराई का कार्य जारी है।पुल का निर्माण भारत नेपाल सीमा सड़क परियोजना के तहत हो रहा है।143 करोड़ की लागत से पुल सहित 24 किमी सड़क का निर्माण होगा।