मोतिहारी। शीतलहर से तापमान में आई गिरावट से आलू फसल पर झुलसा रोग का प्रकोप बढ़ गया है। इस फफूंद जनित रोग के प्रकोप से आलू की फसल पर झुलसा का कहर बढ़ गया है। इससे किसान परेशान हैं । इस समय आलू फसल पर पिछेती झुलसा रोग का प्रकोप तेज हो जाता है। किसान इसपर तुरंत नियंत्रण नहीं करते हैं तो आलू की फसल को अधिक नुकसान का खतरा बढ़ जाता है। आलू फसल पर झुलसा रोग के प्रकोप से बचाने के लिए कृषि वैज्ञानिक ने अनुशंसित दवा के छिड़काव की सलाह दी हैं। कृषि वैज्ञानिक डॉ नेहा पारिक ने बताया कि आलू फसल पर पिछेती झुलसा का प्रकोप हो गया हो तो साईं मॉक्सलिन व मैनकोजेब दवा की तीन किलो मात्रा प्रति 1000 लीटर पानी में घोल बनाकर प्रति हेक्टेयर की दर से छिड़काव करें। यदि आलू फसल पर अभी झुलसा का प्रकोप नहीं हुआ है तो मैनको जेब या प्रोपिनेब या क्लोरो थेलोनिल युक्त फफूंद नाशक दवा को 2 से 2.5 किलो मात्रा प्रति 1000 लीटर पानी में घोल बनाकर प्रति हेक्टेयर की दर से छिड़काव करें।