मोतिहारी। ठंड का मौसम शुरू होने के साथ ही साथ ही सरोत्तर झील में प्रवासी पक्षियों का आगमन शुरू हो गया है। सरोतर झील में सेंट्रल एशियन फ्लाईवे व ईस्ट एशियन फ्लाईवे से प्रवासी पक्षियों का आगमन होता है। पक्षियों की हृदयस्थली है सरोतर झील: घने कोहरे व गुलाबी ठंड के शुरुआत होते ही केसरिया प्रखंड के आसपास स्थित जलाशयों व गंडक नदी में मेहमान साइबेरियन पक्षियों का आगमन शुरु हो जाता है। यह साइबेरिया से कई प्रजाति के पक्षी सर्दी के मौसम में ब्रीडिंग के लिए आती हैं। इसके लिए यहां की जलवायु व पर्यावरण उपयुक्त माना जाता है। पक्षियां कालांतर से हजारों मील की दूरी तय कर इस झील में झुंड बना कर नए मेहमान की लालसा से इस झील स्वतंत्र विचरण करने आती हैं। जो तीन महीने के लिए अपना डेरा जमाए रहती हैं। वहीं गर्मी की धमक शुरु होते ही ये मेहमान पक्षी अपने वतन लौट जाती हैं। कब आते हैं साइबेरियन पक्षी सरोतर झील में गुलाबी ठंड की शुरुआत होते ही पक्षियों का आना चालू हो जाता है। जो फरवरी तक चलता है। कौन कौन प्रजाति के आते हैं पक्षी परपिल हैरॉन, बार हेडेड गीज तथा इजिप्शियन वल्चर, शिकरा, शावलर, लिटिल ग्रिब, ग्रे हैरान, कैटल इमरेट, लार्ज इगरेट, स्नालर इगरेट, लिटिस इगरेट, नाइट हैरान, व्हाइटनेवख स्टार्क आदि है। पिपराकोठी से गोपालगंज जाने वाली मार्ग में के धनगड़हा चौक के समीप 266. 78 डिसमिल में फैला है। जिसमें 43. 88 डिसमिल सरकारी है। चकिया रेंजर शम्भू सिंह ने बताया कि ठंड बढ़ते ही सरोतर झील में पक्षियों का आना शुरू है। झील में पक्षियों के शिकारमही पर रोक लगाने के लिए छापेमारी की जा रही है।