ठंड से संकट में दुग्ध व्यवसाय, दुधारू पशुओं में घटने लगा दुग्ध क्षमता मोतिहारी। ठंड से दुग्ध व्यवसाय संकट में आ गया है। क्यों कि दुधारू पशुओं में दुग्ध क्षमता घटने लगा है। सर्दी शुरू होते ही दुधारू पशुओं पशुओं द्वारा दुग्ध उत्पादन में कमी होने लगा। क्योंकि उनकी दूध देने की क्षमता घट रही है। समेकित कृषि अनुसंधान संस्थान के पशुपालन वैज्ञानिक डॉ. पीके भारती ने बताया कि ठंड में दुधारू पशु दूध देने कम कर देती है। क्यों कि दूध फॉर्मेंशन में लगने वाली अधिकतर ऊर्जा का इस्तेमाल शारीरिक ताप मेंटेनेंस में खर्च कर देती है। जिसके कारण स्ट्रेस में आने से दूध कम हो जाता है। वैसे तापमान बनाए रखने के लिए प्रतिदिन 50 एनएल कैल्सियम देने की बात कही। बताया कि इस में चारे की कमी हो जाती है। जिससे मवेशियों को संतुलित पोषक तत्व नही मिल पाते हैं। वही कृमिनाशक दवा नहीं देने के कारण लिवर भरपूर काम नहीं कर पाता है। जिससे पाचन कमजोर हो जाती है।  क्या दें ठंड में: ऐसे मौसम में पशुओं को शुद्ध पेयजल के साथ-साथ पौष्टिक चारा, दाना, मिनरल मिक्चर सहित दें। ठंड के समय मवेशी को अपने शरीर को नार्मल करने के लिए 15 से 20 फीसद अतिरिक्त ऊर्जा की जरूरत पड़ती है। इस ऊर्जा को हम खानपान के माध्यम से पशुओं को दे सकते हैं। आहार में गुड़ एवं तिलहनी जैसे तोरी की खली आदि देना चाहिए। हरा चारा जैसे बरसीम, लुहसन व जई आदि दें। सूखा चारा यानी गेहूं का भूसा अवश्य मिला कर दें। मवेशी के सूखे चारे में पुआल का उपयोग कम से कम करें। इससे मवेशी में डेगनाला नामक बीमारी होने की संभावना रहती है। अगर, पुआल देना ही है तो उसे पूरी तरह सुखा लें एवं सल्फेट मिक्चर मिलाकर इस चारा का उपयोग करें।