ललितपुर मंडी के भाव

ललितपुर जिले के थाना मड़ावरा क्षेत्र अंतर्गत ग्राम गढ़ौली में कल शाम से गायब डाक कर्मचारी की पुत्री का शव आज गांव के एक कुएं में उतराता मिला जिस इलाके में सनसनी फैल गई थाना मड़ावरा पुलिस ने मौके पर पहुंचकर ग्रामीणों की मदद से युवती के शव को कुए से निकलवा कर पोस्टमार्टम के लिए भेजा और जांच में जुटी.

कार ने मोटरसाइकिल सवार व्यक्ति को मारी जोरदार टक्कर मोटरसाइकिल सवार व्यक्ति हुआ गंभीर रूप से घायल

हंसने-हंसाने से इंसान खुश रहता है, जिससे मानसिक तनाव, चिंता और डिप्रेशन कम होता है। दोस्तों, उत्तम स्वास्थ्य के लिए हंसी-मज़ाक बहुत ज़रूरी है। इसीलिए मोबाइल वाणी आपके लिए लेकर आया है कुछ मजेदार चुटकुले, जिन्हें सुनकर आप अपनी हंसी रोक नहीं पाएंगे। हो जाइए तैयार।

खगोल विज्ञान प्रयोगशाला का लोकार्पण माननीय सदर विधायक रामरतन कुशवाहा जी द्वारा किया। पंचायत राज विभाग द्वारा विद्यार्थियों के लिए विज्ञान और खगोलीय जानकारी की दी गई।

ललितपुर मोबाइल वाणी

कोयले के बारे में बहुत सर्दी पड़ रही है फसल को काफी नुकसान है ग्रामीणों का कहना है कि हम रात के बस में भी नहीं जा पा रहे कोयले के मां बहुत ज्यादा सर्दी पड़ रही है

ग्राम रजवारा निवासी महिला ने आज जिलाधिकारी कार्यालय में पहुंचकर जिलाधिकारी को एक प्रार्थना पर देकर बताया है कि उसकी बहू एवं दामाद द्वारा उसके साथ गाली गालोचकर मारपीट की जाती है और उसकी जमीन पर अवैध रूप से कब्जा कर लिया है पीड़िता ने जिसकी शिकायत जिलाधिकारी से की जिलाधिकारी ने मामला को संज्ञान में लेते हुए कार्रवाई करने का आश्वासन दिया है।

सुनिए जेंडर हिंसा के खिलाफ चलने वाले इस कार्यक्रम, 'बदलाव का आगाज़', में आज सुनिए पतोत्री वैद्य जी को, जिनका कहना है युवाओं की सोच में एक नई उम्मीद और दृष्टिकोण है जो समाज में जेंडर के खिलाफ होने वाली हिंसा को रोकने के लिए सक्रिय रूप से उतर रहा है। युवा समझते हैं कि जेंडर परिवर्तन का मतलब सिर्फ नारा नहीं है, बल्कि सोच और आदतों में भी बदलाव लाना है।अब आप हमें बताएं कि जेंडर आधारित हिंसा के खिलाफ आप क्या सोच रहे हैं और इसे खत्म करने के लिए क्या कोशिश कर रहे हैं? अपने विचार और सुझाव हमें बताएं अपने फ़ोन में नंबर 3 दबाकर

हमारे पुरुष प्रधान समाज में बच्चे और महिलाएं हिंसा का आसानी से शिकार हो जाते है। ऐसा ही हाल ट्रांसजेंडर यानी तीसरे जेंडर का भी है। ये वो लोग है जो खुद को ना पुरुष और ना ही महिला मानते हैं। इनके हक़ के लिए संघर्षरत है पिया कपूर, जो खुद भी एक किन्नर है। पिया का कहना है कि लोग उन्हें भी इंसान समझे। इसके लिए समाज की सोच और कानून में बदलाव बहुत ज़रूरी है।तीसरे जेंडर के लिए लोगों की सोच और भावनाएं कैसे सुधारी जा सकती है? क्या स्कूली शिक्षा के माध्यम से इस समुदाय के लोगों का जीवन बेहतर हो सकता है? अपने विचार और अनुभव हमें बताने के लिए फोन में अभी दबाएं नम्बर 3