उत्तरप्रदेश राज्य के सुल्तानपुर जिला से फकरुद्दीन ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि लैंगिक असमानता का सबसे महत्वपूर्ण कारण यह है कि महिलाएं अनपढ़ हैं और जब उनके अधिकारों की बात आती है तो महिलाएं पूरी तरह से शिक्षित नहीं होती हैं। केवल अगर वे समझते कि वे लैंगिक असमानता को दूर कर सकते हैं, साथ ही जब पुरुषों के बच्चे होते हैं और लड़कों को ऐसी शिक्षा दी जाती है। जब हम शुरू से ही महिलाओं को उनके अधिकारों के बारे में और पुरुषों को महिलाओं का सम्मान करने के बारे में सिखाते हैं तो वे महिलाओं का सम्मान कैसे कर सकते हैं? इस लैंगिक असमानता को धीरे-धीरे कम किया जा सकता है, इसे दूर करने के लिए सबसे पहले महिलाओं की शिक्षा पर जोर दिया जाना चाहिए ताकि वे अपने अधिकारों को जान सकें। क्षैतिज या लैंगिक असमानता को समाप्त किया गया है आर्थिक क्षेत्र में आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देना महिलाओं का वित्तीय सशक्तिकरण उन्हें आर्थिक रूप से आगे बढ़ने में मदद करना

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उत्तर प्रदेश राज्य के सुल्तानपुर जिला से फकरूदीन मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रहे हैं कि भारत जैसे देश में, विशेष रूप से भारत में, हर क्षेत्र में लैंगिक असमानता बहुत अधिक है, चाहे वह शिक्षा, राजनीति, स्वास्थ्य, किसी भी क्षेत्र या सामाजिक क्षेत्र में हो। महिलाओं और पुरुषों को किसी भी क्षेत्र में समान अधिकार नहीं हैं। उसके पास उन दोनों को शिक्षित करने के लिए पर्याप्त पैसा नहीं है। यदि उन दोनों को चुनने का विकल्प मिलता है, तो वह अपनी लड़की को प्राथमिकता नहीं देते हुए पुरुष को प्राथमिकता देता है। यह उनकी सोच है। यह एक बहुत ही अनुचित व्यवस्था है या लोगों की सोच बहुत संकीर्ण है कि महिलाओं को आगे नहीं बढ़ने दिया जा रहा है। किसी भी क्षेत्र में अब राजनीतिक क्षेत्र शुरू हो गया है कि उन्हें राजनीतिक क्षेत्र में कुछ अधिकार दिए जाएं, आरक्षण दिया जाए ताकि महिलाएं भी आगे बढ़ सकें, लेकिन ऐसी कोई बात नहीं है। ऐसा होता रहा है कि छोटे पैमाने पर लड़े जाने वाले चुनावों में भी महिलाओं को आरक्षण दिया जाता है, लेकिन जब वे जीतती हैं तो वे काम नहीं करती हैं और उनके घर का कोई अन्य सदस्य उनकी ओर से काम कर रहा होता है। इसलिए हर क्षेत्र में महिलाओं के लिए असमानता है, यानी किसी भी क्षेत्र में, अगर पुरुषों और महिलाओं को नौकरी मिलती है, तो उन दोनों को नौकरी मिलती है, लेकिन उनके वेतन में असमानता है, यानी लिंग के आधार पर।

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उत्तरप्रदेश राज्य के सुल्तानपुर से फकरुद्दीन मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि महिलाओं को हर क्षेत्र में आरक्षण मिल रहा है लेकिन वह आरक्षण महिलाओं का नाम या महिलाओं की पहचान पूरी तरह से रसोई में भी छिपी रहती है, जैसे कि मुख्यमंत्री का चुनाव, उसमें आरक्षण होता है, यहां तक कि महिलाओं के लिए भी। जिस गाँव में महिला आरक्षण है, वहाँ सीटों का आरक्षण है, वहाँ महिलाएं खड़ी हैं, लेकिन जब वह जीतती है, तो काम पूरी तरह से उसके पति का भाई या घर वाला कोई व्यक्ति होता है। ताकि महिला की पहचान छूट जाए, महिला कहाँ गई है, कहाँ नहीं गई है, इससे किसी को कोई फर्क नहीं पड़ता। इसी तरह भारत में हर क्षेत्र में महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित की जा रही है, लेकिन उनकी पहल की जा रही है। महिलाएं शिक्षित होती हैं, विशेष रूप से गाँवों और शहरों में, और शिक्षित होकर, वे अपने अधिकारों को जानती हैं। वे जानते हैं कि क्या करना है या नहीं करना है, लेकिन गाँव की महिलाएं अभी भी पिछड़ी हुई हैं। इस तरह उन्हें मान्यता मिलती है, यानी उनकी असली पहचान को दबाया जाता है, इसलिए इस पहचान को ऊपर उठाना पड़ता है, तभी देश आगे बढ़ सकता है।

उत्तरप्रदेश राज्य के सुल्तानपुर से फकरुद्दीन मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि प्रदूषण तब होता है जब प्रदूषण प्राकृतिक पर्यावरण को दूषित करता है जो रहने की स्थिति को प्रतिकूल रूप से प्रभावित करता है। और विकास के साथ-साथ प्रदूषण अपने चरम पर पहुंच गया, इस प्रदूषण के कारण ग्लोबल वार्मिंग को बढ़ावा मिला। ग्लोबल वार्मिंग के कारण, मनुष्य इन सब का पर्यावरण पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है, यहां तक कि ग्लोबल वार्मिंग के कारण भी, जो इसकी गर्मी बढ़ा रहा है, यह प्रदूषण सबसे महत्वपूर्ण था। इसमें वायु प्रदूषण और मृदा प्रदूषण शामिल हैं। साथियों, अगर हम सभी प्रकार के प्रदूषण को नियंत्रित कर सकते हैं, चाहे वह ध्वनि प्रदूषण हो, वायु प्रदूषण हो, या किसी भी प्रकार का ध्वनि प्रदूषण हो, अगर हम इसे नियंत्रित कर सकते हैं, तो हम इसे नियंत्रित कर सकते हैं।

उत्तरप्रदेश राज्य के सुल्तानपुर से फकरुद्दीन मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि पानी बचाने के छोटे-छोटे व कई तरीके हैं। पानी बचाने के लिए नहाने के समय फहवारे को छोड़ कर मग से पानी लेकर स्नान करने की कोशिश करनी चाहिए। जिसमें पानी कम खर्च हो। अनावश्यक रूप से नल न खोलें, केवल आवश्यक होने पर ही नल खोलें। यदि घर में कोई नल रिस रहा है, तो उसे ठीक करें क्योंकि प्रत्येक छेद से बहुत सारा पानी बर्बाद होता है। वर्षा जल को इकट्ठा करने के लिए उन उपकरणों का उपयोग करें। उन छोटी-छोटी चीजों को करने के लिए बारिश का पानी इकट्ठा करें जो आप कर सकते हैं। यदि बगीचे को पानी देना है, तो जितना संभव हो उतना कम पानी का उपयोग करें।

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उत्तर प्रदेश राज्य के सुल्तानपुर जिला से फकरुद्दीन खान मोबाइल वाणी सुल्तानपुर के माध्यम से बता रहे है की राजनीतिक दल अपना घोषणापत्र जारी करते हैं जिसमें वे चुनाव जीतने के बाद इन सभी चीजों को करने का वादा करते हैं। इसी तरह, आजकल एक प्रवृत्ति है कि लोग, समूह, इलाके, गाँव भी अपनी कुछ मांगें करते हैं और अपना घोषणापत्र जारी करते हैं। जिसमें वे अपनी सभी समस्याओं को लिखते हैं और उन्हें नेताओं के सामने पेश करते हैं ताकि उनकी मांगों को पूरा किया जा सके।

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