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उत्तरप्रदेश राज्य के सुल्तानपुर जिला से फकरुद्दीन ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि भारत तेज़ी से हर क्षेत्र में विकास करता जा रहा है। लेकिन जहाँ महिलाओं की बात आती है ,लैंगिक समानता की बात आती है ,वहां भारत बहुत ही पीछे है। महिलाओं को उनके क्षेत्र में आरक्षण तो दिया जा रहा है लेकिन उस अनुपात में महिलाओं की भागीदारी नहीं बढ़ पा रही है। इसका कारन है महिलाओं की अज्ञानता जिस कारण महिलाओं को उनका अधिकार नहीं मिल पा रहा है। पुरुष प्रधान देश होने की वजह से महिलाएं आगे नहीं बढ़ पाती

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आधुनिक समय में पृथ्वी पर पर्यावरण का बहुत बड़ा नुकसान हो रहा है। यह नुकसान सीधे मनुष्यों द्वारा किया जाएगा। समय के साथ वाहनों की संख्या बढ़ने से पर्यावरण पूरी तरह से मनुष्यों द्वारा प्रदूषित हो जाएगा। एक व्यक्ति के पास ये तीन चौंसठ पचास-पाँच गाड़ियाँ हैं, भले ही उसे केवल एक की आवश्यकता हो, लेकिन वह इसमें कई गाड़ियाँ रखता है। पर्यावरण को इस तरह से विकसित करना होगा कि आधुनिक युग में जो खेती हो रही है, मिट्टी की खेती करते समय आधुनिक रसायनों का उपयोग किया जा रहा है। अधिकांश किसानों ने रसायनों का उपयोग करना शुरू कर दिया है। मिट्टी भी दूषित हो रही है जिससे इसकी उत्पादन क्षमता बढ़ रही है और इसलिए इससे जो कुछ भी उत्पन्न हो रहा है वह भी पूरी तरह से दूषित हो रहा है जो मानव स्वास्थ्य के लिए पूरी तरह से हानिकारक है। इस तरह पृथ्वी पर कारखाने लगाए जा रहे हैं, जिससे लोग कई रसायनों का उपयोग करते हैं, कई रसायन भी निकलते हैं, जो पर्यावरण को पूरी तरह से प्रदूषित कर रहे हैं। इस तरह, जब कारखानों से गंदा पानी निकलता है, तो उसे समुद्र या नदियों में छोड़ दिया जाता है, जिससे पानी भी दूषित हो रहा है। यह योजनाबद्ध तरीके से किया जाना चाहिए, यह पर्यावरण के अनुकूल तरीके से किया जाना चाहिए, यानी जो भी काम किया जाए, वह पूरी तरह से यह समझकर किया जाना चाहिए कि पर्यावरण पर इसका क्या प्रभाव पड़ेगा, अगर पर्यावरण बुरी तरह से प्रभावित हो रहा है।