रायबरेली जिले के बछरावां थाना क्षेत्र के कुंदनगंज गांव की रहने वाली किशोरी ने थाने में तहरीर देकर न्यायकी गुहार लगाई है

रायबरेली जिले के बछरावां थाना क्षेत्र के राजा मऊ गांव के रहने वाले सर्वेश चौधरी किसी काम से चौराहे पर जा रहा था तभी तेज रफ्तार ट्रैक्टर ने उसे टक्कर मार दी टक्कर लगने से सर्वेश गंभीर रूप से घायल हो गया है जिसे स्थानी लोगों के द्वारा सीएससी में भर्ती कराया गया जहां डॉक्टर ने प्राथमिक उपचार करने के बाद जिला अस्पताल रेफर कर दिया है

*स्तन में सूजन की न करें अनदेखी, हो सकता है फाइलेरिया* - आईडीए के दौरान फाइलेरियारोधी दवा का सेवन जरूर करें *बाराबंकी*। फाइलेरिया जिसे आम बोलचाल की भाषा में हाथी पांव भी कहा जाता है। लेकिन यह बीमारी किसी भी महिला और पुरुष के लटकने वाले अंगों हाथों, पैरों, पुरुषों के अंडकोष और महिला के स्तन (ब्रेस्ट) को भी प्रभावित करती है। समय रहते अगर यदि फाइलेरियारोधी दवा का सेवन नहीं किया गया तो इसका काेई निदान नहीं है। सीएमओ डॉ. अवधेश यादव ने बताया कि यदि किसी महिला के स्तन में लगातार सूजन बनी रहती है तो यह भी फाइलेरिया रोग हो सकता है। उन्होंने बताया कि लोगों को फाइलेरिया से बचाने के लिए बीती 10 फरवरी से सामूहिक दवा सेवन (आईडीए) अभियान चलाया जा रहा है। इस दौरान स्वास्थ्य कार्यकर्ता घर-घर जाकर लोगों को फाइलेरिया से बचाव की दवा खिला रहें हैं। ऐसे में हर कोई स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं के सामने ही दवा खाएं और अपने परिवार व आसपास के लोगों को भी यह दवा खाने को प्रेरित करें। इस दवा का सेवन दो साल से कम उम्र के बच्चों, गर्भवती और गंभीर बीमार को छोड़कर सभी को करना है। यह दवा उन लोगों को भी खानी है, जिन्हें फाइलेरिया नहीं है। दवा खाली पेट नहीं खानी है। उन्होंने यह भी बताया कि यह दवाएं पूरी तरह सुरक्षित हैं। इनका कोई विपरीत प्रभाव नहीं है। फिर भी किसी को दवा खाने के बाद उल्टी, चक्कर, खुजली या जी मिचलाने जैसे लक्षण होते हैं, तो यह इस बात का प्रतीक हैं कि उस व्यक्ति के शरीर में फाइलेरिया के परजीवी मौजूद है। ऐसे लक्षण इन दवाओं के सेवन के उपरांत शरीर के भीतर परजीवियों के मरने के कारण उत्पन्न होते हैं। सामान्यतः ये लक्षण स्वतः समाप्त हो जाते हैं, परंतु ऐसी किसी भी परिस्थिति से निपटने के लिए प्रशिक्षित रैपिड रिस्पॉन्स टीम आरआरटी भी बनाई गई है। आवश्यकता पड़ने पर आरआरटी को उपचार के लिए आशा कार्यकर्ता के माध्यम से बुलाया जा सकता है। इनसेट --- *फाइलेरिया के लक्षण ---* एसीएमओ (वीबीडी) डॉ. डीके श्रीवास्तव ने बताया कि फाइलेरिया क्यूलेक्स मच्छर के काटने से होता है। इसका संक्रमण सामान्यतः बचपन में ही हो जाता है। इसके लक्षण 10 से 15 साल बाद दिखाई देते हैं। अचानक बुखार आना (आमतौर पर बुखार 2-3 दिन में ठीक हो जाता है), हाथ-पैरों में खुजली होना, एलर्जी और त्वचा की समस्या, हाथों में सूजन, पैरों में सूजन के कारण पैर का बहुत मोटा पड़ जाना, पुरुषों के जननांग और उसके आस-पास दर्द व सूजन होना, पुरुषों के अंडकोष व महिलाओं के स्तन में सूजन आना फाइलेरिया के लक्षण हैं। इनसेट --- *ऐसे करें बचाव ---* फाइलेरिया से बचाव के लिए फाइलेरियारोधी दवा का सेवन करना और मच्छरों से बचना जरूरी है और मच्छरों से बचाव के लिए घर के आस-पास पानी, कूड़ा और गंदगी जमा न होने दें। घर में भी कूलर, गमलों अथवा अन्य चीजों में पानी न जमा होने दें। सोते समय पूरी बांह के कपड़े पहने और मच्छरदानी का प्रयोग करें। यदि किसी को फाइलेरिया के लक्षण नजर आते हैं तो वे घबराएं नहीं। स्वास्थ्य विभाग के पास इसका पूरा उपचार उपलब्ध है। विभाग स्तर पर मरीज का पूरा उपचार नि:शुल्क होता है। इसलिए लक्षण नजर आते ही तुरंत ही सरकारी अस्पताल जाएं।

महाराजगंज क्षेत्र में अवर अभियंता दीपक कुमार ने जानकारी देते हुए बताया ,है कि विद्युत व्यवस्था ठीक से चलने व छोटी-मोटी कमियों को पूर्ण करने के लिए विभाग द्वारा 16 फरवरी 2024 दिन शुक्रवार को 6 घंटे विद्युत आपूर्ति बाधित रहेगी। इसमें कस्बा महाराजगंज और ग्रामीण क्षेत्र का रोस्टिंग समय अलग-अलग रहेगा। 16 फरवरी 2024 दिन शुक्रवार को रोस्टिंग टीम द्वारा 33/ 11 केवी विद्युत उपकेंद्र जिहवा पर समय 2:30 से 5:00 तक कस्बे का टेस्टिंग कार्य किया जाना प्रस्तावित किया गया है। जिसमें विद्युत आपूर्ति कस्बे में पूर्ण रूप से बाधित रहेगी। इसी प्रकार ग्रामीण क्षेत्रों में भी दोपहर 12:00 बजे से अपराह्न 3:00 बजे तक विद्युत आपूर्ति बाधित रहेगी।

बृहस्पतिवार को दोपहर क्षेत्र के महाराजगंज इन्हौना मार्ग पर मोन गांव स्थित पानी टंकी के पास इन्हौना की तरफ से आ रही एक तेज रफ्तार बोलेरो ने सड़क पार कर रहे बंदर को जोरदार टक्कर मार दी। जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गया। घटना की जानकारी राहगीरो ने ग्रामीणों को दी, ग्रामीणों की मदद से पशु चिकित्सक को जानकारी दी गई। मौके पर पहुंचे पशु चिकित्सक डॉक्टर उमेश चंद्र जब तक वहां पहुंचते तब तक घायल लंगूर ने दम तोड़ दिया था। डॉक्टर ने जांच पड़ताल करने के बाद लंगूर को मृत घोषित कर दिया। ग्रामीणों ने विधि विधान से लंगूर का अंतिम संस्कार कर प्रसाद वितरण किया।

महाराजगंज क्षेत्र के मुरैनी गांव में नहर की पटरी पर लगातार अजगर मिलने से ग्रामीणों में दहशत बनी हुई है। रास्ते से गुजर रहे ग्रामीणों ने अजगर को देखा तभी लोगों में हड़कंप मच गया। बृहस्पतिवार दोपहर को एक बार फिर लोगों ने अजगर को देख ग्रामीणों का कहना है, कि लगातार गांव में कई बार अजगर निकल चुका है, सूचना के बावजूद वन विभाग सक्रिय नहीं हुआ है। सूचना देने के बावजूद भी वन विभाग की टीम मौके पर नहीं पहुंचती है बार-बार गांव में अजगर दिखाई देने से ग्राम वासियों में दहशत का माहौल बना हुआ है। गांव में लगातार अजगर मिलने का सिलसिला अभी खत्म नहीं हो रहा है। सूचना के बावजूद भी वन विभाग लगातार उदासीन नजर आ रहा है। जिसको लेकर ग्रामीणों में नाराजगी व्याप्त है, तथा मांग है कि जल्द से जल्द इन्हें पकड़वाकर दहशत समाप्त की जाए।