हंसने-हंसाने से इंसान खुश रहता है, जिससे मानसिक तनाव, चिंता और डिप्रेशन कम होता है। दोस्तों, उत्तम स्वास्थ्य के लिए हंसी-मज़ाक बहुत ज़रूरी है। इसीलिए मोबाइल वाणी आपके लिए लेकर आया है कुछ मजेदार चुटकुले, जिन्हें सुनकर आप अपनी हंसी रोक नहीं पाएंगे।

हम सभी रोज़ाना स्वास्थ्य और बीमारियों से जुड़ी कई अफवाहें या गलत धारणाएं सुनते है। कई बार उन गलत बातों पर यकीन कर अपना भी लेते हैं। लेकिन अब हम जानेंगे उनकी हकीकत के बारे में, वो भी स्वास्थ्य विशेषज्ञों की मदद से, कार्यक्रम सेहत की सच्चाई में। याद रखिए, हमारा उद्देश्य किसी बीमारी का इलाज करना नहीं, बल्कि लोगों को उत्तम स्वास्थ्य के लिए जागरूक करना है। सेहत और बीमारी को लेकर अगर आपने भी कोई गलत बात या अफवाह सुनी है, तो फ़ोन में नंबर 3 दबाकर हमें ज़रूर बताएं। हम अपने स्वास्थ्य विशेषज्ञों से जानेंगे उन गलत बातों की वास्तविकता, कार्यक्रम सेहत की सच्चाई में।

"गांव आजीविका और हम" कार्यक्रम के तहत हमारे कृषि विशेषज्ञ कपिल देव शर्मा गेँहू की फसल को चूहों के आक्रमण से होने वाले नुकसान एवं उपचार सम्बंधित जानकारी दे रहे हैं । विस्तृत जानकारी के लिए ऑडियो पर क्लिक करें...

मैं ओम प्रकाश गौतम गाँव पहाड़पुल सुदौर का निवासी हूँ बाल कौशाम्बी उत्तर प्रदेश मैं कहना चाहता हूँ कि शिक्षा के विषय स्कूल में बच्चे स्कूल जाते हैं । भोजन कानून द्वारा नहीं पकाया जाता है । कभी खीचड़ी में नमक नहीं होता , कभी सब्जी में तेल नहीं होता , कभी दाल में नहीं होता । मेरे पास लहसुन नहीं है , इसलिए कभी - कभी कच्ची रोटी होती है , कृपया इसके बारे में कानूनी कार्रवाई करें ।

Transcript Unavailable.

कौशाम्बी रेंजर सिराथू के द्वारा सूखे पेड़ का परमिट देकर हरे फलदार बृक्षों को काटने का नायाब तरीका तैयार किया गया हैं! इस तरीके से रेंजर और लकड़ी माफिया के खिलाफ कार्रवाई न हो हरे बृक्षो को बिना किसी भय के काटकर माफिया बेखौफ तरीके से बेच रहे हैं इससे पहले हरे बृक्षों का रेंजर द्वारा रसीद काटकर खुलेआम पेड़ काटने का लाइसेंस दिया जा रहा हैं वन विभाग के अधिकारियों के इस कारनामे से इलाके में प्रतिदिन दर्जनों हरे पेड़ बेखौफ तरीके से काटे जा रहे हैं निखलेश चौरसिया रेंजर के अवैध वसूली का नायाब तरीका उस समय सामने आया जब कोखराज थाना क्षेत्र के शहजादपुर रावंणा मेला मैदान के निकट हनुमान मंदिर के पास दो हरे वृक्ष महुआ के जुर्माना लगाकर लकड़ी माफिया को काटने की खुली छूट दे दिया, इससे सरकार की मंशा हरे वृक्षों को तैयार करने में रेंजर द्वारा पलीता लगाया जा रहा है जिससे पौधा रोपण को गंभीर संकट उत्पन्न है कोखराज थाना क्षेत्र के गंगा कछार में हरे वृक्षों को काटने का सिलसिला प्रतिदिन जारी हैं, इसी परिपेक्ष में वन विभाग के रेंजर निखलेश चौरसिया का नयाब तरीका सामने आया हैं हरे फलदार पेड़ों की कटान वन विभाग के अधिकारियों कर्मचारियों को फलीभूत हो रहा हैं, हाल ही में शहजादपुर ग्राम सभा के रावंणा मेला मैदान के पास स्थित हनुमान मंदिर के दो हरे महुआ के पेड़ों का रेंजर द्वारा वन माफिया को जुर्माना कर दिया गया, इसी तरह के हरे वृक्षों को काटकर माफिया काली कमाई कर रहे हैं, लकड़ी माफिया की काली कमाई में कई कर्मचारियों का हिस्सा लगना लाज़मी हो गया हैं, उधर पुलिस भी अपनी जेब भरने में पीछे नहीं है रेंजर के इस नयाब तरीके से सरकार की मंशा के बिपरीत हरे वृक्षों को काटकर पर्यावरण को दूषित किया जा रहा हैं, लोगों का आरोप हैं, कि रेंजर निखलेश चौरसिया अपने इस नए तरीके से सैकड़ो हरे आम, महुआ, नीम,के वृक्षों को आरा चलवा कर धराशही करा दिया हैं, क्षेत्र में निखलेश चौरसिया के खिलाफ इस नायाब तरीके को लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म हो रहा है।

"गांव आजीविका और हम" कार्यक्रम के तहत हमारे कृषि विशेषज्ञ शिमला मिर्च लगाने की विधि के बारे में जानकारी दे रहे हैं । अधिक जानकारी के लिए ऑडियो पर क्लिक करें

हंसने-हंसाने से इंसान खुश रहता है, जिससे मानसिक तनाव, चिंता और डिप्रेशन कम होता है। दोस्तों, उत्तम स्वास्थ्य के लिए हंसी-मज़ाक बहुत ज़रूरी है। इसीलिए मोबाइल वाणी आपके लिए लेकर आया है कुछ मजेदार चुटकुले, जिन्हें सुनकर आप अपनी हंसी रोक नहीं पाएंगे।अगर आपके पास है कोई मज़ेदार चुटकुला, तो रिकॉर्ड करें मोबाइल वाणी पर, फ़ोन में नंबर 3 का बटन दबाकर और जीतें आकर्षक इनाम।

घरेलू हिंसा सभ्य समाज का एक कड़वा सच है।आज भले ही महिला आयोग की वेबसाइट पर आंकड़े कुछ भी हो जबकि वास्तविकता में महिलाओं पर होने वाली घरेलु हिंसा की संख्या कई गुना अधिक है। अगर कुछ महिलाएँ आवाज़़ उठाती भी हैं तो कई बार पुलिस ऐसे मामलों को पंजीकृत करने में टालमटोल करती है क्योंकि पुलिस को भी लगता है कि पति द्वारा कभी गुस्से में पत्नी की पिटाई कर देना या पिता और भाई द्वारा घर की महिलाओं को नियंत्रित करना एक सामान्य सी बात है। और घर टूटने की वजह से और समाज के डर से बहुत सारी महिलाएं घरेलु हिंसा की शिकायत दर्ज नहीं करतीं। उन्हें ऐसा करने के लिए जो सपोर्ट सिस्टम चाहिए वह हमारी सरकार और हमारी न्याय व्यवस्था अभी तक बना नहीं पाई है।बाकि वो बात अलग है कि हम महिलाओं को पूजते ही आए है और उन्हें महान बनाने का पाठ दूसरों को सुनाते आ रहे है। आप हमें बताएं कि *-----महिलाओं के साथ वाली घरेलू हिंसा का मूल कारण क्या है ? *-----घरेलू हिंसा को रोकने के लिए हमें अपने स्तर पर क्या करना चाहिए? *-----और आपने अपने आसपास घरेलू हिंसा होती देखी तो क्या किया?

थाना पश्चिम शरीरा अंतर्गत ग्राम सभा बरुआ में बीती रात यशवंत पुत्र बृजलाल मौर्य मुंबई में मजदूरी करता है । उसकी पत्नी नीलम उम्र 25 वर्ष अकेली गांव के बाहर घर बना कर रहती है। रोज की तरह खाना बना के खा के रात में सोने के लिए गांव चली गई । तभी किसी ने गरीब के घर में आग लगा दी । जब महिला का घर जलने लगा तभी महिला के ससुर की आंख खुली तो उसने सोर मचाना शुरू किया । तभी पास के लोग शोर सुन कर आग बुझाने के लिए भागे पहले जानवरो को बाहर निकाला गया। जिसमे चार बकरियां बेहोश हो गई थी । किसी तरह बकरियों को उठा कर बाहर निकाला गया । बकरियों को निकलते समय बृजलाल मौर्य का एक लड़का जख्मी भी हुआ । फिर बड़ी मुश्किल में गांव के लोगों ने आग तो बुझाई लेकिन गरीब महिला की ग्रहस्ती जल कर खाक हो गई है । अब महिला का रो रो कर बुरा हाल है ।