चतरा को झारखण्ड या छोटा नागपुर का प्रवेश द्वार भी कहा जाता है। 1857 के विद्रोह के दौरान छोटानागपुर में विद्रोहियों और ब्रिटिशों के बीच लड़ा जाने वाली सबसे महत्वपूर्ण लड़ाई ‘चतरा की लड़ाई’ थी। चतरा झारखंड राज्य की राजधानी से रांची जिले से करीब 124 किलोमीटर दूर है। चतरा में आप सड़क माध्यम के द्वारा पहुंच सकते है। और क्या क्या घूमने लायक है चतरा ज़िले में , ये जानने के लिए इस ऑडियो को क्लिक करें।
दोस्तों, हंसने-हंसाने से इंसान खुश रहता है, जिससे मानसिक तनाव, चिंता और डिप्रेशन कम होता है। उत्तम स्वास्थ्य के लिए हंसी-मज़ाक बहुत ज़रूरी है। इसीलिए मोबाइल वाणी आपके लिए लेकर आया है कुछ मजेदार चुटकुले, जिन्हें सुनकर आप अपनी हंसी रोक नहीं पाएंगे।
नमस्कार आदाब श्रोताओं मोबाइल वाणी आपके लिए लेकर आया है, रोजगार समाचार यह नौकरी उन लोगों के लिए है जो उत्तर प्रदेश कर्मचारी चयन आयोग के द्वारा निकाली गई फार्मासिस्ट आयुर्वेद के 1002 पदों पर कार्य करने के लिए इच्छुक हैं। वैसे उम्मीदवार इन पदों के लिए आवेदन कर सकते हैं, जिन्होंने फार्मेसी में डिप्लोमा किया हो। इसके साथ ही आवेदनकर्ता की न्यूनतम आयु सीमा 18 वर्ष और अधिकतम आयु सीमा 40 वर्ष होनी चाहिए। इन पदों के लिए आवेदन शुल्क सभी उम्मीदवारों के लिए 25 रुपए रखा गया है।अधिक जानकारी के लिए आवेदनकर्ता इस वेबसाइट पर जा सकते हैं। वेबसाइट है https://www.freejobalert.com/upsssc-pharmacist-ayurveda-2024/1075332/ ।याद रखिए इस भर्ती के लिए आवेदन की अंतिम तिथि 03-03-2024 है। तो साथियों,अगर आपको यह जानकारी लाभदायक लगी, तो मोबाइल वाणी ऐप पर लाइक का बटन दबाये साथ ही फ़ोन पर सुनने वाले श्रोता 5 दबाकर इसे पसंद कर सकते है। नंबर 5 दबाकर यह जानकारी आप अपने दोस्तों के साथ भी बाँट सकते हैं।
जनपद कौशांबी विकासखंड सिराथू थाना कोखराज क्षेत्र के पल्टीपुर ग्राम पंचायत का प्रधान महेंद्र कुमार के कारनामे से जनता परेशान हो रही है ग्रामीणों का कहना है की प्रधान के पास टाइम नहीं है आखिर क्या प्रधानों को वोट लेने के लिए टाइम है आखिर इसका जिम्मेदार कौन है ग्राम विकास अधिकारी ग्राम सभा प्रधान की मिली भगत से नहीं मिल पा रहा जनता को आवास विकास ऐसे प्रधानों को जांच कर शख्त कार्रवाई की जाने की गुहार लगाई है बताया जाता है की पल्टीपुर गांव में आज तक ना तो नाली और इंटरलॉकिंग शौचालय आवास नहीं मिला ग्राम सभा जनता को आखिर सरकार गांव-गांव में आवास विकास के लिए पानी की तरह पैसा बहा रही है लेकिन लापरवाह प्रधान की वजह से जनता दर दर के ठोकर खा रही है ।
उत्तर प्रदेश राज्य के कौशांबी सदर प्रखंड क्षेत्र के पारा हसनपुर गांव की मिट्टी अभी भी विकास के लिए तरस रही है । सड़कें कच्ची हैं और नालियों की कमी के कारण सड़कें दलदल में बदल रही हैं । प्रधान सचिव के विकास कार्य केवल कागजों तक सीमित रहे हैं । अगर लोगों को लगता है कि गाँव के प्रधान सचिव विकास कार्यों के नाम पर सरकारी धन वितरित कर रहे हैं , तो गाँव में केवल विकास कार्य दिखाई देंगे ।
Transcript Unavailable.
"गांव आजीविका और हम" कार्यक्रम के तहत हमारे कृषि विशेषज्ञ बैगन को कोहरे से बचाने के बारे में जानकारी दे रहे हैं । अधिक जानकारी के लिए ऑडियो पर क्लिक करें
देश के किसान एक बार फिर नाराज़ दिखाई दे रहे हैं। इससे पहले साल नवंबर 2020 में किसानों ने केंद्र सरकार के द्वारा लाए गए तीन कृषि कानूनों के रद्द करने के लिए दिल्ली में प्रदर्शन किया था और इसके बाद अगले साल 19 नवंबर 2021 को केंद्र सरकार ने तीनों कानून वापस ले लिए थे, हालांकि इस दौरान करीब सात सौ किसानों की मौत हो चुकी थी। उस समय सरकार ने किसानों की कुछ मांगों पर विचार करने और उन्हें जल्दी पूरा करने का आश्वासन दिया था लेकिन ऐसा अब तक नहीं हआ है। और यही वजह है कि किसान एक बार फिर नाराज़ हैं।
सुनिए एक प्यारी सी कहानी। इन कहानियों की मदद से आप अपने बच्चों की बोलने, सीखने और जानने की क्षमता बढ़ा सकते है।
साथियों गर्मी का मौसम आने वाला है और इसके साथ आएगी पानी की समस्या। आज की कड़ी में हम आपको बता रहे है कि बरसात के पानी को कैसे संरक्षित कर भूजल को बढ़ाने में हम अपना योगदान दे सकते है। आप हमें बताइए गर्मियों में आप पानी की कौन से दिक्कतों से जूझते हैं... एवं आपके क्षेत्र में भूजल कि क्या स्थिति है....