देवकुंड मठ के ब्रह्मालीन महंत अखिलेश्वरानंद पुरी की 14वीं पुण्यतिथि गुरुवार को मनाई गई। जानकारी देते हुए उनके पुत्र वर्तमान महंत कन्हैयानंद पुरी ने बताया कि देवकुंड मठ के 16वें महंत अखिलेश्वरानंद पुरी त्याग एवं तपस्या के धनी के साथ-साथ बहुमुखी प्रतिभा के धनी थे जो अपने शास्त्र विद्या के लिए देश-विदेश में भी प्रचलित थे। आमलोगों से जनभाषा में संवाद करते हुए बड़ी ही आत्मीयता के साथ सन्त साहित्य और श्रीरामचरित मानस के गूढ़ रहस्यों का विवेचन विश्लेषण किया करते थे। साहित्य प्रेमी होने के नाते कभी कभार कविताएं लिखकर अपने मनोभावों को व्यक्त करते थे।