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कोई अपना उम्मीदवार कैसे चुनता है यह कोई रहस्यमयी प्रक्रिया है जिसके बारे में हम कुछ नहीं जानते ! भारत का मतदाता अक्सर चुनाव विश्लेषकों और एक्जिट पोल वालों को चकित करता आया है । क्या चुनाव में प्रेम जैसा कुछ अबूझ है जिसके चलते कई बार प्रेमी प्रेमिका की तरह ही उम्मीदवार को भी पता नहीं होता उसे क्यों चुन लिया गया !

कम्प्यूटर बाबा बोले-राममन्दिर के लिए सन्तो ने भी प्राण न्योछावर किए, श्रेय सिर्फ भाजपा ले रही

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9 नवम्बर को चंदेरी आएंगे राहुल ग़ांधी :नईसराय में जनसभा को सम्बोधित करेंगे

नागरिकों को राजनीतिक दलों के चंदे का स्रोत जानने का अधिकार नहीं है । सरकार की तरफ से पेश हुए उनके वकील यानी सॉलिसिस्टर जनरल आर रमन्नी ने यह बात सुप्रीम कोर्ट में कही है। सवाल उठता है कि जब सब कुछ ठीक है, तो फिर चंदे से जुड़ी जानकारी जनता से साझा करने में दिक्कत क्या है? राजनीतिक शुभचिंतक और भ्रष्टाचार पर वार करने वाले राजनीतिक दल की सरकार अगर कहे कि वह जनता को नहीं बता सकती कि उनकी पार्टी को चंदा देने वाले लोग कौन हैं? आज हमारे साथ लखनऊ हाईकोर्ट परामर्श केन्द्र के माध्यम एवं उत्तरप्रदेश कांग्रेस पार्टी के विधिविभाग के कोर कमेटी सदस्य एडॅ इद्रप्रताप सिंह सर के साथ मोबाइलवाणी पर अपनी प्रतिक्रिया साझा की।

ग्रामवाणी की इंटरव्यू सीरीज "क्या हाल विधायक जी में विधानसभा क्षेत्र बैतूल जिले की भैंसदेही से विधायक धरमू सिंह सिसराम से बृजेश शर्मा की बातचीत .

‘नागरिकों को राजनीतिक दलों के चंदे का स्रोत जानने का अधिकार नहीं है’ सरकार की तरफ से पेश हुए उसके वकील यानी सॉलीसिटर जनरल आर. रमन्नी ने यह बात सुप्रीम कोर्ट में कही है’। सवाल उठता है कि जब सबकुछ ठीक है तो फिर चंदे से जुड़ी जानकारी जनता से साझा करने में दिकक्त क्या है? राजनीतिक शुचिता और भ्रष्टाचार पर वार करने वाले राजनीतिक दल की सरकार अगर कहे कि वह जनता को नहीं बता सकती की उसकी पार्टी को चंदा देने वाले लोग कौन हैं, तो फिर इसको क्या समझा जाए।