ग्रामवाणी की इंटरव्यू सीरीज "क्या हाल विधायक जी में बालाघाट जिले की विधानसभा क्षेत्र लांजी की विधायक एवं पूर्व विधानसभा उपाध्यक्ष हिना कांवरे से बृजेश शर्मा की बातचीत

भारतीय पुलिस व्यवस्था अंग्रेजों की देन है लेकिन उसके बाद बनी व्यवस्था और संस्थाएं, यहां की जरूरत के हिसाब से बनाई गईं। इन सभी का काम था कि अपराधों को रोकना और अपराधियों को पकड़ कानून के समक्ष पेश करना। इनको बनाने के पीछे के उद्देश्य अच्छा था, लेकिन हर बीतते दिन के साथ उजागर होते इनके कारनामे, अफसोस करने पर मजबूर करते हैं कि इनको बनाया ही क्यों गया, टेक्स देने वालों के पैसे की इस तरह बर्बादी क्यों? इन्हें काम अपने तो मालिकों के इशारे पर करना है, बजाए इसके जिसके लिए उन्हें बनाया गया है।

ग्रामवाणी की इंटरव्यू सीरीज " क्या हाल विधायक जी, सतना जिले की नागौद विधानसभा क्षेत्र से पांच बार के विधायक एवं पूर्व मंत्री नागेंद्र सिंह से बृजेश शर्मा की बातचीत।

दोस्तों, बीते कुछ सालों में भारत के हर शहर में स्कूलों की संख्या इतनी बढ़ गई है कि एडमिशन का फैसला लेना आसान नहीं होता है. हर कोई अपने स्कूल को बेस्ट दिखाने की होड़ में लगा हुआ है. इस वजह से किसी भी स्कूल में बच्चे का एडमिशन करवाने से पहले माँ-बाप को कई स्तरों पर गहरी खोज बिन करनी पड़ती है. लेकिन ये खोज बिन या पड़ताल करते है शहर में रहने वाले माँ बाप। गाँव आज भी हमारे नक़्शे से गायब है या फिर मनोज कुमार की फिल्मो के जरिए हम गाँव को गाँव की तरह खोजने की कोशिश में लगे हुए है। क्या आपने कभी वोट देने अपने नुमाईंदों से पूछा है कि आपके क्षेत्र के स्कूलों की स्थिति ऐसी क्यों है ? बच्चे जो आपके भविष्य है उनके भविष्य का क्या होगा ? या किसी भी पार्टी को वोट देने से पहले आपको अपने बच्चे के भविष्य को लेकर यह ख़्याल आता है ? बात साफ़ है कि कम्पनियों के सरकारों के प्रवक्ता आपको इस और सोचने ही नहीं देंगे। वो चाहते है कि आप उनका झंडा उठाये, टोपी पहले और भीड़ में शामिल होकर एक-दूसरे पर चिल्लाते रहे और वो अपने बच्चों को विदेशो में पढ़ाते रहे । याद रखिए जो सरकार या पार्टी आपका या आपके पारवार कहा भविष्य खराब कर रहा है वो देश का अच्छा कैसे कर सकता है , उनके केंद्र में आप नहीं हैं तो देश भी नहीं होगा ? खैर.. ये तो आपके निर्णय की बात है तब तक, आप हमें बताइए कि ***** आपके गाँव या क्षेत्र में सरकारी स्कूलों में पढ़ाई कैसी है ? ***** वहां के स्कुल कितने शिक्षक और शिक्षिका आते है ? ***** साथ ही आपके बच्चों को या अन्य बच्चों को आपके गाँव के स्कूलों में किस तरह की शिक्षा मिल रही है ?

चुनाव लड़ने के लिए नेता जिस तरह से दल बदल का खेल करते हैं उसमें जनता, लोकतंत्र, विचारधारा, राजनीतिक वफादारी जैसे शब्द अपनी महत्ता खो देते हैं। नेताओं द्वारा ऐसा करने से केवल शब्द ही नहीं लोकतंत्र की वह भावना भी अपने वास्तविक अर्थों में खत्म हो जाती है, जो जनता के लिए, जनता द्वारा, जनता का शासन से संचालित होती है।

ग्राम वाणी की इंटरव्यू सीरीज "क्या हाल विधायक जी, डिंडोरी जिले से शहपुरा विधानसभा क्षेत्र क्रमांक 103 से विधायक भूपेंद्र मरावी l श्री मरावी से बृजेश शर्मा की बातचीतl

चुनाव का माहौल देखरकर जनता भी उत्साहित है कि वह एक बार फिर उसके अपने हितों के लिए काम करने वाली सरकार का चुनाव करेगी। जनता उत्साहित भले ही हो कि उसके लिए काम करने वाली सरकार का चुनाव हो रहा है, लेकिन इसमें उसकी भागीदारी नहीं के बराबर है। अगर भागीदारी होती तो राजनीतिक दल उनकी पसंद के उम्मीदवारों को मैदान में उतारते, लेकिन यहां तो हालात ऐसे हैं कि जो भी चुनाव जिता सके उसे उम्मीदवार बना दिया जा रहा है।

ग्रामवाणी की इंटरव्यू सीरीज "क्या हाल विधायक जी, में हमारे साथ हैं सिवनी जिले की विधानसभा क्षेत्र 115 सिवनी से विधायक दिनेश राय "मुनमुन" l दिनेश राय से ग्रामवाणी के बृजेश शर्मा की बातचीत l

Transcript Unavailable.

शिवपुरी से वीरेंद्र रघुवंशी को विधानसभा प्रत्याशी न बनने पर रघुवंशी समाज ने कांग्रेस से नाराजगी जताई है साथ ही चेतावनी विधि है कि प्रदेश के 25 विधानसभा क्षेत्र में रघुवंशी समाज का प्रभाव रखता है यदि प्रत्याशी नहीं बनाया तो दूसरे विकल्प पर सामान्य लेने के लिए मजबूर होगा अखिल भारतीय रघुवंशी क्षत्रिय महासभा ने नाराज की जताते हुए मंगलवार को कांग्रेस को प्रदेश अध्यक्ष के नाम ज्ञापन सोपा गोरतलव है कि वीरेंद्र रघुवंशी वर्तमान में भाजपा की कोलारस विधानसभा से विधायक हैं जो ज्योतिरादित्य सिंधिया एवं पार्टी के नियमों से आहत होगा उन्होंने कांग्रेस ज्वाइन की जिस पर पार्टी ने उन्हें शिवपुरी से प्रत्याशी बनाने का आश्वासन दिया था