सुनिए डॉक्टर स्नेहा माथुर की संघर्षमय लेकिन प्रेरक कहानी और जानिए कैसे उन्होंने भारतीय समाज और परिवारों में फैली बुराइयों के ख़िलाफ़ आवाज़ उठाई! सुनिए उनका संघर्ष और जीत, धारावाहिक 'मैं कुछ भी कर सकती हूं' में...

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भारत का आम समाज अक्सर सरकारी सेवाओं की शिकायत करता रहता है, सरकारी सेवाओं की इन आलोचनाओं के पक्ष में आम लोगों सहित तमाम बड़े बड़े अर्थशास्त्रियों तक का मानना है कि खुले बाजार से किसी भी क्षेत्र में काम कर रही कंपनियों में कंपटीशन बढ़ेगा जो आम लोगों को बेहतर सुविधाएं देगा। इस एक तर्क के सहारे सरकार ने सभी सेवाओं को बाजार के हवाले पर छोड़ दिया, इसमें जिन सेवाओं पर इसका सबसे ज्यादा असर हुआ वे शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार पर पड़ा है। इसका खामियाजा गरीब, मजदूर और आम लोगों को भुगतना पड़ता है।

सुनिए डॉक्टर स्नेहा माथुर की संघर्षमय लेकिन प्रेरक कहानी और जानिए कैसे उन्होंने भारतीय समाज और परिवारों में फैली बुराइयों के ख़िलाफ़ आवाज़ उठाई! सुनिए उनका संघर्ष और जीत, धारावाहिक 'मैं कुछ भी कर सकती हूं' में।

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अशोकनगर की जिला अस्पताल में बुधवार को अपर कलेक्टर जीएस धुर्वे एवं एसडीएम अनिल बावरिया निरीक्षण करने के लिए पहुंचे। इस दौरान कोई डॉक्टर अनुपस्थित मिले उन पर अनुपस्थिति दर्ज कर दी। अस्पताल में पहुंचने के बाद उन्होंने सभी वर्णों का निरीक्षण किया जिसमें उन्होंने देखा कि कई जगह पर बेहतर साफ सफाई दिखाई नहीं दी। साथ ही जब वह एनआरसी वार्ड में पहुंचे तो वहां पर केवल दो बच्चे ही मिले। कलेक्टर ने बताया कि मुख्य उद्देश्य डॉक्टरों की स्थिति देखना था।

छैला बाग के निकट सोमवार को पुराने विवाद के चलते तीन बदमाशों ने युवक के पैर पर गोली मार दी। गोली लगने के बाद भाई खेतों में तड़पता रहा, लोगों ने बेहोश हालत में युवक को अस्पताल पहुंचाया। अशोकनगर के छैला बाग से आगे खेतों में बड़ेरा गांव के रहने वाले 23 वर्षीय आकाश को सोमवार को तीन बदमाशों ने गोली मार दी गोली युवक के पैर में लगी उसके बाद में तड़पते हुए खेतों में गिर गया।

साडोरा के अमोदा रोड पर बुधवार सुबह एक डंपर ने सामने से आ रही एंबुलेंस को टक्कर मार दी। जिससे एंबुलेंस का अगला हिस्सा छतिग्रस्त हो गया, यह 108 वाहन मढ़ी कानूनगो गांव से अस्पताल आ रहा था। जिसमें एक प्रसूता थी हालांकि हादसे में एंबुलेंस में सवार सभी लोग सही सलामत बच गए, एंबुलेंस के चालक सतीश जाटव ने बताया कि हादसे में बाहन का हिस्सा आगे से पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया था, जैसे ही हादसा हुआ तो प्रसूता का दर्द बढ़ गया था ऐसे में उसे जल्दी अस्पताल पहुंचना आवश्यक था। चालक ने आगे कहा कि उसने क्षतिग्रस्त वाहन से ही प्रसुता को अस्पताल पहुंचाया।