बिहार राज्य के कैमूर जिला से सीताराम ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि सरकार चुनाव आने पर घर घर तक जुड़ रही है पर गरीबों के लिए काम नहीं हो रहा है
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सुनिए डॉक्टर स्नेहा माथुर की संघर्षमय लेकिन प्रेरक कहानी और जानिए कैसे उन्होंने भारतीय समाज और परिवारों में फैली बुराइयों के ख़िलाफ़ आवाज़ उठाई! सुनिए उनका संघर्ष और जीत, धारावाहिक 'मैं कुछ भी कर सकती हूं' में।
मोबाइल वाणी आपके लिए लेकर आया है रोजगार समाचार। यह नौकरी उन लोगों के लिए है जो बिहार विधान परिषद द्वारा सहायक शाखा अधिकारी, डाटा एंट्री ऑपरेटर और स्टेनोग्राफर पदों पर वेतनमान नियमानुसार रूपए पर कार्य करने के लिए इच्छुक है। इन पदों के लिए छब्बीस रिक्तियां निकाली गयी है। इन पदों के लिए वैसे उम्मीदवार आवेदन कर सकते है,जिन्होंने किसी मान्यता प्राप्त विद्यालय से इंटर व स्नातक की परीक्षा में उत्तीर्ण किया हो और कंप्यूटर में अंग्रेजी और हिंदी की टाइपिंग का ज्ञान हो। इन पदों पर आवेदन करने के लिए अधिकतम आयु सीमा 40 वर्ष रखी गई है। आवेदनकर्ताओं का चयन सर्टिफिकेट सत्यापन, मेरिट सूची में प्रदर्शन के आधार पर किया जाएगा। इन पदों पर आवेदन करने के लिए आवेदन शुल्क :सामान्य और ओ.बी.सी उम्मीदवारों के लिए 600/- रूपए और एससी - एसटी, शारीरिक दिव्यांगता और महिला के सभी उम्मीदवारों के लिए 150/- रखा गया है। यदि आप के पास मांगी गयी सारी योग्यताएं है तो आप अपना आवेदन आधिकारिक वेबसाइट https://blcsrecruitment.com/Advertisement-02.aspx पर ऑनलाइन कर सकते है। याद रखिये आवेदन पत्र 02 अप्रैल 2024 तक ही स्वीकार किये जायेंगे। तो साथियों अगर आपको यह जानकारी लाभदायक लगी तो मोबाइल वाणी एप्प पर लाइक बटन दबाये साथ ही फ़ोन पर सुनने वाले श्रोता 5 दबाकर इसे पसंद कर सकते है। नंबर 5 दबाकर यह जानकारी आप अपने दोस्तों के साथ बाँट भी सकते हैं।
"गांव आजीविका और हम" कार्यक्रम के तहत हमारे कृषि विशेषज्ञ कपिलदेव शर्मा मिर्च की फसल में लगने वाले थ्रिप्स कीट के बारे में बता रहे हैं । अधिक जानकारी के लिए ऑडियो पर क्लिक करें
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गुजरे जमाने के मशहूर समाजवादी नेता राम मनोहर लोहिया कहते थे अगर देश को सही रास्ते पर चलाना है तो मजबूत विपक्ष का आवश्यकता है, वर्ना सरकार निरंकुश हो जाएगी। जिसको हम आज की वर्तमान परिस्थितियों में देख और महसूस कर सकते हैं। देश की एक प्रमुख और सबसे बड़े विपक्षी दल का बैंक खाता सीज कर दिया गया है, जबकि चुनाव की तारीखों की घोषणा हो चुकी है, हां अगर सरकार की मंशा ही है कि उसके अलावा देश के बाकी राजनीतिक दल चुनाव ही न लड़ें तो फिर बात ही अलग है।