मंगलवार को मुख्य विकास अधिकारी निधि बंसल ने विकास खंड क्षेत्र के ग्राम गणेशपुर नेवादा के पूर्व माध्यमिक विद्यालय का तहसील में समाधान दिवस में आते समय औचक निरीक्षण किया। उन्होंने क्षेत्र के ग्राम गौरिया प्रहलादपुर में इंटरलॉकिंग निर्माण कार्य का भी निरीक्षण किया, और गांव में गंदगी देखकर नाराजगी व्यक्त कर तत्काल प्रभाव से साफ सफाई के लिए निर्देशित किया।

सरैंया (सीतापुर)। जिले के पहला विकास खंड क्षेत्र के अधिकतर आंगनबाड़ी केंद्रों पर नौनिहालों को गरम भोजन नहीं मिल रहा है। यहां सीएम की महत्वाकांक्षी योजना हॉट कुक्ड मील दम तोड़ रही है। जब इसकी पड़ताल की गई तो पता चला कि कुछ आंगनबाड़ी केंद्र खुल ही नहीं रहे हैं। जो केंद्र खुले मिले, वहां बच्चों काे हॉट कुक्ड मील नहीं दिया गया। आंगनबाड़ी केंद्रों के बच्चों के लिए योगी सरकार की ओर से चालू की गई हाट कुक्ड योजना पहला ब्लॉक में फेल होती नजर आ रही है। आंगनबाड़ी केंद्र बिलौली खुला मिला और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता आरती देवी मौजूद मिलीं। उन्होंने बताया कि 25 बच्चे मौजूद हैं, लेकिन अभी तक हाट कुक्ड मील की व्यवस्था नहीं हो सकी है। आंगनबाड़ी केंद्र खाफा खुर्द में ताला लटकता मिला। इस केंद्र के आसपास काफी गंदगी दिखी। ग्रामीण शिव कुमार, खगेश्वर ने बताया कि सेंटर कभी-कबार खुलता है। पिछले कई महीनों से नहीं खुला। केंद्र पर बच्चों की पढ़ाई नहीं होती है।

दैनिक जागरण बिहार की मई 2023 की रिपोर्ट के अनुसार नरपतगंज प्रखंड से सटे सुपौल जिला के छातापुर प्रखंड अंतर्गत मध्य विद्यालय ठूठी में सोमवार को एमडीएम परोसने के क्रम में बच्चों के भोजन में मरी हुई छिपकली मिली, जिसके बाद बच्चों व गांव वालों में हड़कंप मच गया। लेकिन क्या ये हड़कंप हमारा अपने जन प्रतिनिधियों के सामने झलकता है ? जिस पन्ना ज़िले के स्कुल में 40 बच्चे बीमार हो गए , क्या वोट देते समय हम ये बात सोचते है? नहीं .. बिलकुल भी नहीं सोचते। क्योंकि हम एक वोट देने की मशीन में ढल चुके है। कुछ लोग इसे मेरी ही मूर्खता करार देंगे कि मध्यान भोजन के लिए हम नेताओ को दोष क्यों दें ? लेकिन सच ये है कि जब तक कोई घटना हमारे या हमारे अपनों के साथ नहीं घटती , तब तक हम राजनितिक पार्टियों की चाटुकारिता में लगे रहते है। लोग आपको ही बार बार समझायेंगे कि हमें इन सभी पचड़ों में नहीं पड़ना चाहिए। दोस्तों, अपने देश, समाज और बच्चों के भविष्य को बदलने के लिए किसी न किसी को शुरुआत करनी पड़ेगी और वह शुरुआत स्वयं से ही होगी, इसके बाद अन्य समाज के लोगों का साथ मिलता चला जाएगा। तब तक आप हमें बताइए कि * ------ आपके गाँव या क्षेत्र में सरकारी स्कूलों में मध्याह्न भोजन की स्थिति क्या है ? *------- आपने क्षेत्र या गाँव के सरकारी स्कूलों में बच्चों को कैसा पौष्टिक खाना मिलता है क्या ? आपके अनुसार बच्चों के लिए पौष्टिक भोजन का क्या मतलब है ? *------ साथ ही शिक्षा के मसले पर आपको किससे सवाल पूछने चाहिए ? और इसे कैसे बेहतर बनाया जा सकता है , ताकि हमारे देश का भविष्य आगे बढे।

राजीव की डायरी को सुनने के बाद जिज्ञासा से सीतापुर की कुछ गॉव में जाकर मिडडे खाने के बारे में जानकारी ली। तो लोगों से बात की लोगों से बात करके यह पता चला कि स्कूलों में जो मिडवे यानी कि यह स्कूलों में जो खाना दिया जाता है, वह कितना स्वास्थ्य होता है या स्वास्थ्य लाभ इसकी जानकारी के लिए स्कूल के प्रधानाचार्य से बात की और साक्षात वहां पर देखा तो सीतापुर की कई स्कूलों में स्थिति काफी अच्छी है| खाना पौष्टिक रहता है और जो समय-समय पर दिया जाता है,वह भी अच्छा होता है| कई शिक्षक मिडिल का ही खाना खाते हैं, जिससे उनको स्वाद का भी पता चलता है कि बच्चों को कैसा खाना दिया जा रहा है| सबसे अच्छी बात यही है कि टीचर और प्रिंसिपल दोनों ही क्योंकि खाने को लेकर बहुत ही सजक रहते हैं|

दोस्तों , MDM या मध्याह्न भोजन योजना को दुनिया का सबसे बड़ा स्कूल फीडिंग प्रोग्राम माना जाता है। इस योजना के तहत प्राथमिक स्तर पर प्रत्येक बच्चे के लिए 450 कैलोरी और 12 ग्राम प्रोटीन और उच्च प्राथमिक स्तर पर 700 कैलोरी और 20 ग्राम प्रोटीन वाला मध्याह्न भोजन दिया जाता है। लेकिन ये तो सरकार के वेबसाइट और कार्यक्रम में सुनने में अच्छा लगता है। आज भी कई जगहों पर हकीकत कुछ और ही है। हमारे समाज में वैसे सामाजिक संस्कार पल बढ़ रहे हैं जिनका सही तरह के सवाल पूछने से कोई लेना देना नहीं हो रहा है। हमारे समाज का लोकतंत्र ऐसी बेकार की बातों से सड़ रहा है। लोगों में नागरिकता का एहसास पैदा नहीं किया जा रहा है। उन्हें नहीं बताया जा रहा है कि वह तभी ठीक ढंग से जी पायेंगे जब वह सरकार और प्रशासन से सही तरह के सवाल पूछेंगे। केवल एक दिन नहीं हर दिन पूछेंगे। तभी गंगा साफ़ हो पाएगी और स्कूलों के मिड डे मील में धाँधली नहीं होगी। तभी दूध की जगह पानी और रोटी के साथ नमक नहीं मिलेगा। आप हमें बताइए कि *--------- आपके गाँव या क्षेत्र में सरकारी स्कूलों में मध्याह्न भोजन की स्थिति क्या है ? *--------- आपने क्षेत्र या गाँव के सरकारी स्कूलों में बच्चों को कैसा पौष्टिक खाना मिलता है है ? *---------- साथ ही शिक्षा के मसले पर आपको किससे सवाल पूछने चाहिए ? और इसे कैसे बेहतर बनाया जा सकता है , ताकि हमारे देश का भविष्य आगे बढे।